मानवता की अनूठी मिशाल सड़क हादसे में हुईं बंदर की मौत, किया अंतिम संस्कार
ब्यूरो के के श्रीवास्तव जालौन
उरई (जालौंन) मानव सेवा अनमोल है जिसका कोई मोल नहीं होता है, इन्हीं शब्दों को कुछ समाजसेवियों ने चरितार्थ किया है दरअसल, सनातन धर्म में बंदर को बजरंगबली का रूप माना गया है इसलिए ईश्वर रुपी बानर को सनातन धर्म में अलग ही दर्जा मिला है यही सब देखने को मिला विजयदशमी के पावन पर्व पर ज़ब तहसील माधोगढ़ स्थित नगर के समाजसेवियों के द्वारा एक ऐसा कार्य किया गया जो कि स्मरणीय रहेगा!
विदित हो कि माधोगढ़ कुठोंद रोड पर एक बंदर पड़ा था जो कि अज्ञात बाहन के टक्कर से घायल हो गया था जिससे बंदर की मौके पर ही मौत हो गई इस मृत हुए बन्दर की किसी ने कोई सुध नही ली जबकि तमाम राहगीर मुंह फेरकर निकल लिए किसी व्यक्ति ने इस मरे बंदर की खबर नहीं ली तो बही इसी रोड पर नगर माधोगढ़ के समाजसेवी रामराजा शर्मा, काजू उदैनिया, डॉ रत्नेश शर्मा, एवं लला सोनी जो कि अपनी कार से कही जा रहे थे ज़ब उन्होंने मृत बंदर को पड़ा देखा तो उनसे रहा नहीं गया और उसे देखने के बाद म्रत पड़े बंदर के अंतिम संस्कार की तैयारियों में जुट गये और अंतिम संस्कार के लिये जरूरी सामग्री एकत्र करके बंदर के शव को गाड़ी में रखकर महाराजपुरा स्तिथ पहुज नदी के पास ले जाकर बंदर का विधि विधान और रीति रिबाज के साथ जल में बिसर्जन किया!इस अच्छे कार्य की सभी समाजसेवियों की नगर वासियो द्वारा प्रसंशा की जा रही है!
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