तहसीलदार का अजीबो-गरीब बयान, फ़रियादी महिलाओं से कहा नहीं कर पाऊंगा संतुष्ट

माधौगढ़,जालौन। तहसीलदार माधौगढ़ का अजीबोगरीब बयान सामने आया है। जिसमें उन्होंने शासन की लोककल्याणकारी मंशा की धज्जियां उड़ाते हुए फरियादियों से कहा कि वह उन्हें संतुष्ट नहीं कर सकते। यह मामला तब हुआ जब पतराही गांव की दो दर्जन से ज्यादा महिलाएं राहत पैकेट में धांधली की शिकायत करने आई थी। इस दौरान भाजपा नेता शत्रुघ्न सिंह सेंगर ने फरियादियों का पक्ष रखा तो तहसीलदार ने तपाक से कहा कि वह फरियादी को संतुष्ट नहीं कर सकते।
यह उन ज़िम्मेदार अधिकारियों की हालत है जिन्हें योगी सरकार ने जनता की सेवा करने के लिए बैठाया है। जब फरियादी को अधिकारी संतुष्ट नहीं करेगा तो संतुष्ट कौन करेगा ? पूरी घटना की शिकायत भाजपा नेता ने एसडीएम वेदप्रिय आर्य से की है।
पतराही गांव की दो दर्जन से ज्यादा महिलाएं तहसीलदार गौरव कुमार के यहां शिकायत लेकर पहुंची थी कि उनके राहत पैकेट फटे हुए हैं,जिनमें से कुछ सामान भी निकाला गया है। जिस पर तहसीलदार उन्हें संतुष्ट करने के वजाय नाराज़गी जताने लगे,बाद में भाजपा नेता के हस्तक्षेप के बाद उन्होने प्रार्थना पत्र पर सभी समस्या लिख कर देने को कहा।
संतुष्ट न करने की बात पर मीडिया के सामने ही भाजपा नेता की तीखी बहस हो गई। उन्होंने आपत्ति जताई की सरकार ने अधिकारियों को फरियादियों को संतुष्ट करने के लिए ही बैठाया है। जिस पर तहसीलदार बहस करने लगे कि नियम से काम करूंगा,तो भाजपा नेता ने कहा कि नियम के विरुद्ध आखिर कौन अधिकारी संतुष्ट करता है?
योगी सरकार में अधिकारियों को जरा सा भी खौफ़ नहीं है। अन्यथा ऐसे गैरजिम्मेदाराना व्यान न देते। फ़िलहाल पूरे मामले की शिकायत भाजपा नेता ने मौखिक तौर पर एसडीएम से की है,अगर तहसीलदार की शैली में सुधार न हुआ तो मुख्यमंत्री से लिखित शिकायत की जाएगी।
जिला जज की गाड़ी हटवाने के लिए बजबाया था कई बार हॉर्न
तहसीलदार की अमर्यादित शैली उस वक्त भी नजर आयी थी,जब जिला जज ग्राम न्यायालय के दौरे पर माधौगढ़ तहसील आये थे उनकी गाड़ी तहसील परिसर में खड़ी थी,उसी समय उनकी गाड़ी हटवाने के लिए पीछे से तहसीलदार की गाड़ी ने कई बार हॉर्न बजाये थे,बाद में स्टाफ़ ने जिला जज की गाड़ी होने की बात बताई,तब तहसीलदार की गाड़ी दूसरे गेट से बाहर निकली।
तहसीलदार के आने बाद से तहसील हुई बेलगाम
एक अन्य वाक़यात में शराब पीये अमीन आशाराम से कर्मचारियों ने मारपीट कर दी। बाद में उसको तहसीलदार ने बैठा कर थाने भिजवाने की धमकी दी लेकिन बाद में थाने भेजने की बजाय एक दिन का वेतन काटने की कार्यवाही करने को कहते हुए जाने दिया था।
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