विश्व रेबीज दिवस पर आयोजित हुई कार्यशाला
हरदोई, 28 सितम्बर 2024 विश्व रेबीज दिवस के अवसर पर शनिवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय सभागार में संवेदीकरण कार्यशाला आयोजन हुई जिसमें अन्य विभागों के अधिकारी एवं स्वास्थ्य विभाग के सभी नोडल अधिकारी उपस्थित रहे । कार्यक्रम के नोडल अधिकारी और अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी
डॉ० सुरेन्द्र कुमार ने बताया कि रेबीज एक विषाणु जनित रोग है तथा देश में बड़ी संख्या में मौतों के लिए जिम्मेदार है । भारत में प्रतिवर्ष 18 से 20 हजार मामले आते हैं, इसमें से 30 से 60 फीसदी मामले 15 वर्ष से कम आयु के बच्चों के होते हैं ।
लगभग 99 फीसद रेबीज कुत्ते के काटने से होती है ।भारत में आवारा कुत्तों की संख्या अत्यधिक है । इसके अतिरिक्त बिल्ली, बंदर, नेवला इत्यादि जानवरों के काटने से भी फैलता है । नोडल अधिकारी ने बताया कि उचित चिकित्सा एवं टीकाकरण से रेबीज होने से रोका जा सकता है जहाँ तक हो सके रेबीज फैलाने वाले जानवरों से दूर रहें।
यदि कोई जानवर काट ले तो घाव को साबुन और पानी से 15 मिनट तक धोएं जिससे वायरस को फैलने से रोका जा सकता है । सभी सरकारी चिकित्सालयों में रेबीज की वैक्सीन (एआरवी) निःशुल्क उपलब्ध है । कार्यशाला में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ० धीरेन्द्र सिंह, डॉ० आदित्य गौतम, पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट डॉ० प्रदीप गौतम,
एपिडेमोलाजिस्ट डॉ० सी०बी० सिंह, जिला कार्यक्रम प्रबन्धक एनएचएम सुजीत कुमार सिंह एवं अन्य उपस्थित रहे ।
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