तहसीलदार कामिनी भट्ट ने विधवा को दिलाया उसका घर

के के श्रीवास्तव बुंदेलखंड ब्यूरो जालौन
झांसी जनपद के बंगरा ब्लॉक में न्याय की एक मिसाल सामने आई है… एक ऐसी महिला जिसकी दुनिया उजड़ चुकी थी… लेकिन आज उसके चेहरे पर फिर से मुस्कान लौट आई है।"
साल 2021… सुनीता के पति हल्काई की मौत के बाद… मजबूरी और गरीबी ने उसे गांव छोड़ने को मजबूर कर दिया… वो अपने बच्चों के साथ मजदूरी के लिए महाराष्ट्र चली गई… पीछे छोड़ आईं एक आशा… एक छत… जो प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनी थी "लेकिन उसी छत पर उसके अपनों ने ही कब्जा कर लिया… भतीजे नंदकिशोर और सतन कुशवाहा ने न सिर्फ ताला तोड़ा… बल्कि जाली दस्तावेजों से घर और जमीन भी अपने नाम करवा ली…!"जब सुनीता अपने गांव लौटी… तो उसे अपने ही घर में घुसने नहीं दिया गया… धमकाया गया… और घर से निकाल दिया गया…"
लेकिन यह अन्याय ज़्यादा दिन टिक न सका… मऊरानीपुर की तहसीलदार कामनी भट्ट ने जब मामला सुना… तो बिना देर किए गांव पहुंचीं… ग्रामीणों से पूछताछ की… और फिर लिया गया बड़ा फैसला…"तुरंत मौके पर ताला तोड़ा गया… और महिला को उसका घर वापस दिलाया गया… प्रशासन की सख्ती और संवेदना – दोनों का अद्भुत उदाहरण आज सुनीता के आंसू खुशी के हैं… वो घर जो छिन गया था… आज फिर उसके नाम है… और यही है सच्चे न्याय की तस्वीर गांव के लोग भी खुले दिल से बोले – ‘हकदार को हक दिलाया, तहसीलदार ने इंसाफ दिखाया।’"
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