आईडीए अभियान को लेकर ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर को दिया गया प्रशिक्षण

Jan 20, 2025 - 19:29
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आईडीए अभियान को लेकर ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर को दिया गया प्रशिक्षण

उन्नाव , 20 जनवरी 2025जनपद में 10 फरवरी से सर्वजन दवा सेवन (आईडीए) अभियान चलेगा जिसके तहत स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को फ़ाइलेरियारोधी दवा का सेवन करायेंगे | इसी क्रम में सोमवार को ब्लाक अचलगंज, बिछिया और बांगरमऊ में सम्बन्धित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर दवा प्रदाता (ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर) का प्रशिक्षण कार्यक्रम अयोजित हुआ |

राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियन्त्रण कार्यक्रम के नोडल डॉ. जे.आर.सिंह ने बताया कि आईडीए अभियान राष्ट्रीय फ़ाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत चलेगा | फ़ाइलेरिया से बचाव के लिए जरूरी है कि आईडीए अभियान के तहत फ़ाइलेरियारोधी दवा का सेवन करना और मच्छरों के काटने से बचना क्योंकि फ़ाइलेरिया मच्छर जनित बीमारी है और लाइलाज है | आईडीए अभियान के तहत लगातार तीन साल तक साल में एक बार फ़ाइलेरिया रोधी दवा के सेवन से इस बीमारी से बचा जा सकता है |

इसी को लेकर ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर को प्रशिक्षित किया जा रहा है |प्रशिक्षण में बताया गया कि अभियान के तहत एल्बेंडाजोल, डाईइथाइल कार्बामजीन (डीईईसी) और आइवरमेक्टिन खिलाई जाएगी | एल्बेंडाजोल चबा कर खानी है | इसके साथ ही अन्य दवाओं की खुराक के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी | दवा दो साल से कम आयु के बच्चों, गर्भवती और गंभीर बीमारी से पीड़ित को छोड़ कर सभी को खानी है | 

उन्होंने कहा कि ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर मुख्यतःआशा, एएनएम और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं | इसलिए अपने क्षेत्र के लोगों को इस बात की भी जानकारी अवश्य दें कि फ़ाइलेरियारोधी दवा सेवन के बाद कुछ लोगों में सर दर्द, चक्कर आना, जी मितलाना जैसी दिक्कतें देखने को मिल सकती हैं | ऐसे में घबराने की जरूरत नहीं है | यह अपने आप ही ठीक हो जाते हैं | ऐसा शरीर में फ़ाइलेरिया के परजीवियों के मरने के परिणामस्वरूप होता है | फ़ाइलेरियारोधी दवा सभी को खानी है क्योंकि इसके लक्षण मच्छर काटने के पांच से 15 साल बाद दिखाई देते हैं | यदि चक्कर आना, जी मितलाना स्वत: ठीक नही होता है तो हर ब्लाक पर रैपिड रिस्पोंस टीम को इसकी सूचना दी जा सकती है | इसके साथ ही शत प्रतिशत लक्षित जनसंख्या को फ़ाइलेरियारोधी दवा का सेवन सुनिश्चित करवाने के उद्देश्य से पुरुष ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर को रखा गया है जो कि दिन के समय लाभार्थी की अनुपस्थिति में रात में फ़ाइलेरियारोधी दवा का सेवन करवाये | 

इसके अलावा यदि कोई दवा खाने से इनकार करता है तो उसको राजी करने के लिए पेशेंट स्टेकहोल्डर प्लेटफोर्म के सदस्यों की मदद ली जा सकती है | यह जनपद में सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफॉर) द्वारा बनाया गया है | जिसमे स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के अलावा फ़ाइलेरियारोगी, ग्राम प्रधान, पंचायत सदस्य , कोटेदार और अन्य स्थानीय प्रभावशाली व्यक्ति हैं जो कि लोगों को फ़ाइलेरिया के कारण, बचाव और उपचार के साथ फ़ाइलेरिया रोधी दवा सेवन के लाभ की जानकारी दे रहे हैं |

इस मौके पर अचलगंज ब्लॉक मे चिकित्साधीक्षक डॉ मनीष बाजपेई स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी शैलेन्द्र मिश्रा, एआरओ वर्षा, बीसीपीएम सुषमा, 25 एनम,6 आशा संगिनी सम्मिलित थी सहयोगी संस्था प्रोजेक्ट कंसर्न इंटरनेशनल (पीसीआई) के प्रतिनिधि मौजूद रहे बांगरमऊ ब्लॉक मे चिकित्साधीक्षक डॉ मुकेश, ब्लाक प्रोग्राम मैनेजर मुकेश बीसीपीएम अनितेश, एआरओ तरु श्री, 34 आशा 32 पुरुष दवा प्रदाता सम्मिलित थे |  

 ब्लाक बिछिया में चिकित्साधीक्षक डॉ नरेंद्र सिंह, बीपीएम राहुल, एआरओ अनन्या शुक्ला बीसीपीएम ममता 18 सीएचओ 20 एएनम, नौ आशा सांगिनी ,यूनिसेफ, टीएसयू और सीफॉर के प्रतिनिधि मौजूद रहे l

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