राम कथा पार्क में राजस्थान के रंग में डूबा रामोत्सव, रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में राम भजनों पर झूमे श्रद्धालु

Feb 14, 2024 - 17:42
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राम कथा पार्क में राजस्थान के रंग में डूबा रामोत्सव, रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में राम भजनों पर झूमे श्रद्धालु

मनोज तिवारी ब्यूरो प्रमुख अयोध्या

अयोध्या स्थित "राम कथा पार्क" में रामोत्सव की श्रृंखला में आयोजित राम भजन और नृत्यों ने दर्शकों को रोमांचित कर दिया। पहली प्रस्तुति पंडित सत्य प्रकाश मिश्र ने अपने साथियों के साथ अयोध्या की परंपरा का प्रतिनिधित्व करते हुए मंदिरों में गई जाने वाली बंदिश "राम रूप अनुरागी अंखियां" गाकर सभी को अयोध्या के समृद्ध संगीत की थाती से परिचित कराया तो तालियों से पांडाल गूंज गया। अगली रचना "भजमन राम चरण सुखदाई" में शास्त्रीयता को लोक से जोड़ते हुए गाकर सभी को मंच से जोड़ लिया। "आज सहाय बनो जन जन के, हे बजरंगबली" से रामलला के अनन्य भक्त हनुमान जी की आराधना की तो भक्त खुशी से झूमने लगे।

इसके बाद इन्होंने उपस्थित भक्तो के भावो को स्वर दिया "सांसों को माला पर सिमरू मैं प्रभु का नाम" तो सभी भाव विभोर हो गए और अंत में प्रभु राम की भक्तवत्सलता को व्याख्यायित करते हुए हनुमान जी का भजन "भरत भाई, कपि से उऋण हम नाही" सुनाया तो सभी ताली से ताल देने लगे। 

इसके बाद मंच पर सुमित्रा देवी और उनके दल ने राजस्थानी लोकगीतों पर पारंपरिक नृत्य प्रस्तुत करके राजस्थानी खुशबू से सरयू तीरे सभी को रंग दिया। सर्व प्रथम इस दल की महिला कलाकारो ने "तोरोताली" लोकनृत्य में अद्भुत करतब दिखाकर सभी को अचंभित दिया। घुटनों और पैरो के पंजों में मंजीरे बांध कर उन मंजीरों का हाथो से वादन करना और उसी के मध्य मुंह में तलवार पकड़ कर नृत्य करना सभी को तालिया बजाने पर विवश कर रहा था। इसी दल की कलाकार रवीना ने इसके बाद राजस्थान का "भवई" लोक नृत्य किया। सर पर एकसाथ दो घड़ों को रखकर चक्कर मारना और उसके बाद उसी लय पर चार घड़े के साथ दांतो से कागज़ पकड़ना सभी को हैरान कर गया। लोगो का आश्चर्य चरम।पर पहुंच गया जब सर पर नौ घड़ों के साथ पैरो से परात पर और उसके बाद गिलास खड़े होकर संतुलन साधते हुए रवीना ने नृत्य किया तो एक बार सभी खड़े होकर तालियां बजाने लगे।देर रात्रि तक चली सांस्कृतिक संध्या में रामोत्सव राजस्थानी रंग में रंग कर दर्शकों को राममय कर गया। संचालन आकाशवाणी के उद्घोषक देश दीपक मिश्र ने मोहक अंदाज में करके सभी को बांधे रखा। अंतरराष्ट्रीय रामायण एवम वैदिक शोध संस्थान के निदेशक डा.लवकुश द्विवेदी के निर्देशन में कलाकारो का सम्मान कार्यक्रम समन्वयक अतुल सिंह ने किया।पांडाल में चंद्र भूषण मिश्र,अनूप श्रीवास्तव,संत जानकी जी महाराज,बबुआ जी,ऋतिका,आशुतोष,दीपशिखा समेत संतजन और श्रद्धालु देर रात तक जमे रहे।

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