भगवा रंग के कपडें पहनने से अधिक महत्वपूर्ण है भगवा रंग को अपने जीवन में उतरना -:सतेन्द्र सेंगर
वीरेंद्र सिंह सेंगर
अजीतमल औरैया। जनपद औरैया के अजीतमल क्षेत्र के बीहड़ी ग्राम भूरेपुर कलां निवासी युवा समाज सेवी की कठिन तपस्या और संघर्षो से बहुत कुछ सीखा जा सकता है, सतेन्द्र सेंगर की कार्य शैली से अधिक उनकी बौध्दिक सोचने समझने और उनकी निर्मल भावनायें अधिक सराहनीय है, इन सबको देखते हुये यदि सतेन्द्र सेंगर समाज सेवियों से हटकर देखा जाये तो यह एक योग पुरुष से कम नहीं है, सतेन्द्र सेंगर ने एक धार्मिक कार्यक्रम के माध्यम से संदेश देते हुये कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को चौका दिया, इटावा नुमाइश मैदान में हो रही राम कथा में सतेन्द्र सेंगर अपनी चार सदस्सीय टीम के साथ अचनाक जा पहुँचे जहाँ पर उन्होंने सदर विधायिका श्रीमती सरिता भदौरिया को मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम जी प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया इतना नहीं बल्कि सतेन्द्र सिंह सेंगर ने विधायिका जी को पत्र देकर आगामी 07 फरवरी 2024 को औरैया अजीतमल क्षेत्र के फूटेकुआँ पर होनें वाले श्रद्धाजलि शोकसभा के लिये आमंत्रित किया इसी साथ सतेन्द्र सेंगर अपनी टीम के पदाधिकारी से बातों ही बातों में कहा कि भगवा रंग के कपड़े पहनने से अधिक भगवा रंग को अपनी अंतर्रात्मा में उतारा जाना अति आवश्यक है क्योंकि भगवा रंग कोई खिलवाड़ नहीं है जिसे जो मर्जी आये जहाँ पहन कर घूमने लगे भगवा रंग का अर्थ है त्याग, बलिदान, ज्ञान, शुद्धता एवं सेवा का प्रतीक है। प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में त्याग बलिदान जुड़ा है, सतेन्द्र सेंगर कहा कि अधिकांश लोग अपने स्वार्थ और निजी सुखों के चलते अपनों इस भगवा पोशाक का सहारा लेकर समाज के साथ साथ वह स्वयं अपने साथ खिलवाड़ करता आ रहा है, इसलिए भगवा कपड़े पहनने से कई ज्यादा महत्वपूर्ण यह हैकि प्रत्येक व्यक्ति को एक दूसरे का सहयोग व असहायों की मदद करते रहना एवं जीवों की दया करना चाहिये।
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