क्या कुदरत ने किसानों को पूरी तरह बर्बाद करने की ठान ली?
जिला संवाददाता के 0 के श्रीवास्तव जालौन
उरई (जालौन) लगातार कई वर्षों से बेमौसम आंधी वर्षा ओला वृष्टि अतिवृष्टि से फसलों में भारी नुकसान झेल रहे किसान को इस रवी की फसल से भी उम्मीदें टूटती नजर आ रही हैं बेमौसम हो रही वर्षा और ओलों ने मटर चना लाही पर तो ग्रहण लगा ही दिया अब बारी है गेंहूं की मौसम का मिजाज देखते हुए लग रहा है अब शायद कुछ न बचेगा !पहले से ही बैंको और साहूकारों के कर्ज से दबा किसान बहुत चिंतित है शायद भगवान ने भी ठान लिया है कि किसान को पूरी तरह बर्बाद करके ही मांनेंगे !
इस समय देश का अन्नदाता सड़कों पर है दूसरी ओर जो नहीं है उसे भगवान मजबूर कर रहा है सड़क पर आने को क्या होगा उन किसानों का जो पूरी तरह कृषि पर आधारित है अब परिवार का भरण पोषण करने के लिये मजदूरी ही अंतिम विकल्प बचता है वो भी घर द्वार छोड़कर बाहर जाना पड़ेगा !
सबसे बुरा हाल है यमुना पट्टी के बीहण में बसे ग्रामों का सिंचाई सुविधा से वंचित यहां किसान पूरी तरह से कृषि पर आधारित है इनमें सबसे बुरा हाल है ग्राम देवकली मैनूपुर गुढा़ मगरौल पड़री नरहान दहेलखण्ड निभहना घर करा सिम्हारा आदि आधा सैकडा़ गांव के किसानों का !अगर यह फसल भी नष्ट होती है तो आगे कहां से होगी जुताई बखराई कहां से आयेगा खाद बीज सोच सोच कर ही किसान बहुत परेशान है!
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