न डाक्टर न उपकरण फिर भी आपरेशन कर करवा दी जाती डिलेवरी
रिपोर्ट सोनू महाराज
कालपी (जालौन) सूत्रों के हवाले नगर में खुले प्रीती नर्सिंग होम में न कोई स्थाई डाक्टर न प्रशिक्षित नर्सिंग स्टाफ न कोई मशीनरी फिर भी आपरेशन हो रहे हैं जबकि नर्सिंग होम में बैठने वाले किसी डॉक्टर के पास नही है लाइसेंस तक।_
वर्तमान समय में अगर सबसे अधिक लापरवाही बरती जा रही है तो वो है स्वास्थ विभाग जिस तरह से गली गली पैथलौजी खुल रही हैं जिस तरह लम्बे लम्बे विज्ञापन पोस्टर लाकर नर्सिंग होम खुल रहे हैं उसे देखकर लगता है कि इस विभाग में शायद कोई जिम्मेदार ही नहीं है जो इस तरह के लोगों की सेहत लोगों के जीवन से खिलवाड़ करने वालों की जांच करें और नर्सिंग होम हो य पैथोलाजी इनके मानकों इनमें उपलब्ध सुविधाओं की जांच कर सके !
ऐसा ही एक वाक्या बताते हैं नगर कालपी का 70 अस्सी हजार आबादी वाले नगर में स्वास्थ सुविधाओं की भारी कमी है यहां सीएचसी तो है पर वह मात्र रिफर केन्द्र साबित हो रहा है तमाम सुविधाओं एक्सरा आदि की व्यवस्था तो है पर होता कुछ नहीं है कभी डाक्टर का न होना कभी मशीन में खराबी आदि का बहाना बना दिया जाता है और मरीज मजबूर होकर प्राइवेट अस्पतालों में भारी कीमत चुका कर इलाज कराने को मजबूर हो जाता है! इसका फायदा उठाते हुए तमाम नर्सिंग होम खुलने लगे हैं !_
अभी कुछ महीने पहले ही आलमपुर बाईपास पर प्रीती नर्सिंग होम कमाई के लिए खोला गया है वहा जाकर देखा तो पता चला की न तो कोई डाक्टर न प्रशिक्षित नर्सिंग स्टाफ न पार्किंग न अग्नि सुरक्षा उपकरण न कोई मशीनरी पर वहां आपरेशन भी किए जा रहे थे।
प्रीति नर्सिंग होम में अनपढ़ गवारो के हाथों में हे मरीजों की बाग डोर फिर भी जिम्मेदार आखिर क्यों है मौन
प्रीति नर्सिंग होम के खिलाफ कई बार अखबारों में खबरे प्रकाशित की गई खबरों को देख किसी भी तरह लाइसेंस बनवा लिया लाइसेंस तो बनवा लिया पर डिग्री वाले डॉक्टर को नही ला सके खुद ही डॉक्टर बन गए । अरे वा रे कैसा मतलबी इंसान हो गया हे पैसे के चक्कर में इंसान की जिंदगी की कोई कीमत ही नही रह गई।_कोई मरे या जिए प्रीति नर्सिंग होम को तो पैसे से मतलब इसीलिए जच्चा बच्चा दोनो की जिंदगी से खुले आम खेल खेला जा रहा है।
बताते चलें अभी हाल ही में एक मामला प्रकाशित में आया है कालपी क्षेत्र के ग्राम देवकली के एक नाबालिक युवक के परिवार जनों ने प्रीति नर्सिंग होम में चार दिन इलाज कराया था प्रीति नर्सिंग होम के अनपढ़ डॉक्टरो द्वारा गलत इंजेक्शन व गलत इलाज किया गया और जब अनपढ़ डॉक्टरो को लगा की में मरीज को ठीक नही कर पा रहे हैं और मरीज की हालत गंभीर होती जा रही है तो प्रीति नर्सिंग होम के अनपढ़ डॉक्टरों ने तत्काल देर न करते हुए नगर के सी एच सी पहुंचा दिया।_ _नाबालिक लडके को परिजन प्रीति नर्सिंग होम के कहने पर सी एच सी कालपी ले जाते हैं और वहा पहुंचते ही कुछ देर में नाबालिक बच्चा खत्म हो जाता है।
जब बच्चे के परिजनों से पूछा की कैसे खत्म हुआ आपका बच्चा तो परिजनों ने बताया की हम अपने बच्चे का इलाज नगर के प्रीति नर्सिंग होम में करा रहे थे और उन्होंने चार दिनो तक इलाज किया फिर भी हमारा बच्चा ठीक नहीं हुआ और हजारों पैसे लिए इसके बाबजूद भी प्रीति नर्सिंग होम के अनपढ़ डॉक्टरों ने हम लोगों से कहा की आपका बच्चा ठीक है और आपको लगता है की इलाज में आराम नही मिला तो आप नगर में बने सी एच सी ले जाइए तभी हम लोग सी एच सी अपने बच्चे को लेकर आए और कुछ देर में हमारा बच्चा खत्म हो गया।
यह मौत कोई पहली मौत नहीं है इससे पहले भी कई मौतें हो चुकी है प्रीति नर्सिंग होम में इससे पहले भी कई नवजात शिशुओं की जान ले चुका है
यह प्रीति नर्सिंग होम अगर इसकी सत्यता से जांच हो जाए तो हो सकता है एक बहुत बड़ा खुलासा
आखिर इस तरह के अस्पतालों पैथोलाजी की जांच क्यों नहीं होती अभी चार पांच माह पहले पैथलौजी और डाक्टर की लापरवाही से एक युवा की जान जा चुकी है जिसमे सरकारी अस्पताल के डाक्टर और एक पैथलौजी संचालक पर कार्यवाही भी हुई थी!
अब अगर नगर में बगैर मानक बगैर आवश्यक सुविधाओं वगैर स्थाई डाक्टर के खुले प्रीती नर्सिंग होम की जांच क्यों नहीं होती।।_ _सी एम ओ साहब अभी भी आपको किस चीज का इंतजार है।
घटनाए व मौते बराबर हो रही है फिर भी आप क्यों अपनी आंखे बंद किए हुए!
जनहित मे सीएमओ जालौन से बताना चाहते हैं कि इस तरह के नर्सिंग होम और पैथलौजी की जांच कर कार्यवाही करें अन्यथा की स्थिति में घटनाए बराबर घटित हो रही है।
जिम्मेदार विभाग क्यों है मौन!
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