रामलीला में हुआ मुनि का आगमन व ताड़का वध का मंचन
कोंच (जालौन) श्रीधर्मादा रक्षिणी सभा द्वारा संचालित कोंच के 172वें रामलीला महोत्सव में बीती रात ताड़का बध लीला का रोमांचक प्रदर्शन किया गया। सिद्घाश्रम में अन्य ऋषियों-मुनियों के साथ महर्षि विश्वामित्र यज्ञ कर रहे हैं। उसी समय राक्षसों का समूह जिसमें दुर्दांत राक्षस मारीच और सुबाहु भी शामिल हैं, वहां पहुंच कर यज्ञ का ध्वंस कर देते हैं। यद्यपि महर्षि विश्वामित्र उन राक्षसों का संहार करने में सक्षम हैं लेकिन जो यज्ञ वे करने जा रहे हैं उसमें क्रोध या बल प्रयोग करने का प्रावधान नहीं होने के कारण वे यज्ञ की रक्षार्थ अयोध्या नरेश दशरथ के यहां पहुंचते हैं। राजा दशरथ उनका सब प्रकार से सम्मान करके उन्हें उच्च आसन प्रदान करते हैं और आने का हेतु पूछते हैं। विश्वामित्र उन्हें सब कुछ बता कर राम और लक्ष्मण को यज्ञ की रक्षा के लिये मांगते हैं। यह सुन कर राजा दशरथ का पिता मन व्याकुल हो उठता है और वह राम-लक्ष्मण को उनके साथ भेजने से मना कर देते हैं। तब विश्वामित्र क्रोधित हो उठते हैं और उन्हें रघुकुल का इतिहास बताते हैं।
बाद में कुलगुरु वशिष्ठ के समझाने पर राजा अपने पुत्रों को विश्वामित्र के साथ वन जाने देते हैं।रास्ते मे जब वह ताड़क वन से गुजर रहे थे तभी विश्वामित्र ने ताड़का के पापचारो से भगवान राम को अवगत कराया और उसका वध करने के लिए कहा पहले तो श्री राम ने स्त्री का वध करने को क्षत्रिय धर्म के विपरीत बताया जब गुरु ने उन्हें समझाया कि राक्षसी प्रवर्त्तिया पुरुष या स्त्री नही बल्कि राक्षसी ही होती हैं जिनके वध में कोई दोष नही लगता तो राम ने गुरु के आदेश का पालन करते हुए ताड़का का वध किया और सिद्घाश्रम पहुंचते हैं और फिर प्रारंभ होता है विश्वामित्र का यज्ञ और यज्ञ की सुगंध पाकर राक्षस फिर वहां आकर उत्पात मचाने और यज्ञ ध्वंस करने का प्रयास करते हैं तो राम सुबाहु का वध कर देते हैं और बिना फर वाला वाण चला कर मारीच को सौ योजन दूर फेंक देते हैं। इस मौके पर लीला को देखने के लिए हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ रामलीला ग्राउंड में उमड़ी विश्वामित्र का किरदार अनिरुद्ध मिश्रा दशरथ का किरदार नीरज दुबे सुमंत्र का लकी दुबे, वशिष्ठ का पवन दांतरे, दरबारी बने विकास पटेल, ताड़का अभिषेक रिछारिया पुन्नी मारीच दीपू सोनी ,सुबाहु धनु राठौर, अन्य हास परिहास में गिरधर सकेरे, डुग्गी वाला राक्षस नीरज अग्रवाल सीते आदि के अभिनय काफी सशक्त रहे। वही संकेतक पर दिनेश मानव अतुल सोनी मंचन में सहयोग कर रहे थे
धर्मादा रक्षिणी सभा अध्यक्ष विजय गुप्ता भोले,मंत्री विनोद दुबे लौना रामलीला समिति अध्यक्ष राजकुमार निरंजन छुन्ना, मंत्री संजय सोनी पत्रकार,कोषाध्यक्ष अतुल चतुर्वेदी,सह कोषाध्यक्ष विजय गुप्ता करइ वाले,कल्ले मास्टर,अभिनय विभाग अध्यक्ष पीडी रिछारिया, मंत्री सुधीर सोनी,व्यास अमित नगाइच
वही कोरस पार्श्व गायन में नमन चतुर्वेदी,अमन सक्सेना प्रमोद सोनी हिमांशु राठौर रहेवहीपात्र श्रंगार में संजीव सरस् सोनी दीपू स्वर्णकार चन्द्रशेखर तिवारी आदि रहे।इस अवसर पर वरिष्ठ कलाकार विनोद दुबे दरोगा,संतोष त्रिपाठी दीपक तिवारी अखिलेश चचो दीया हरिश्चंद्र तिवारी सीनरी विभाग पवन अग्रवाल प्रमोद विदुआ सहित लोग मौजूद रहे।
What's Your Reaction?