दलदल में घुसकर जाना पड़ता अंतिम संस्कार के लिए नहीं है रास्ता

कोंच (जालौन) मृत्यु सत्य है जिससे हर किसी को गुजरना पड़ता है लेकिन ग्रामों में प्रधानों की उदासीनता के चलते अंतिम संस्कार के लिए रास्ता न होने के कारण मरघट तक जाने के लिए शव को ले जाना पड़ता है तब कहीं जाकर भारी मुसीबत के बीच अंतिम संस्कार हो पाता है।
ऐसा ही एक मामला तहसील क्षेत्र के ग्राम टोपोर में देखने को मिला जहां पर ग्राम के 80 वर्षीय बुजुर्ग रामनारायण पत्र मुलु प्रजापति की मृत्यु हो गयी थी जिनके अंतिम संस्कार के लिए शमशान घाट तक जाने के लिए दलदल से होकर गुजरना पड़ा क्योंकि शमशान घाट सहित चारों ओर पानी भरा हुआ है और इसी पानी में घुसकर लोगों को दाह संस्कार करना पड़ा जब इस संबंध में ग्राम प्रधान से लेकर तहसील अधिकारियों से बात करना चाहा लेकिन किसी ने भी फोन नहीं उठाया और प्रधान ने भी अभी तक शमशान घाट का जीर्णोद्वार नहीं कराया उक्त के संबंध में जब उपजिलाधिकारी ज्योति सिंह से बात की तो उन्होंने कहा कि मामला संज्ञान में आया है और जल्द ही ग्राम प्रधान को निर्देशित कर शमशान घाट का जीर्णोद्धार और रास्तों की स्थिति को सही कराया जाएगा जिससे ग्रामीणों को परेशानियों से न जूझना पड़े।
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