नहीं रहे वरिष्ठ पत्रकार पंडित रमेश तिवारी, पत्रकार जगत में एक अपूर्तिनीय क्षति
कोंच(जालौन) ज्ञान और बिचारों को समीक्षात्मक टिप्पणियों के साथ शब्द ध्वनि तथा चित्रों के माध्यम से जन जन तक पहुंचाना ही पत्रकारिता है यह वह बिधा है जिसमें सभी प्रकार के पत्रकारों के कार्यों कर्तव्यों और लक्ष्यों का बिवेचन होता है पत्रकारिता समय के साथ समाज की दिग्दर्शिका और नियामिका है जिसके लिए बरिष्ठ पत्रकार पं. रमेश तिवारी समाज में भलीभांति जाने पहचाने जाते थे जिन्होंने अपने जीवन काल मे सामाजिक मुद्दों को लेखनी के माध्यम से बड़ी ही गम्भीरता व चतुराई से उठाया जिस पर विभागीय अधिकारियों को भी मजबूर होकर कार्य के सापेक्ष कार्य को करना पड़ा ऐसी अदभुत कला से पं.रमेश तिवारी परिपूर्ण थे पत्रकारिता के साथ साथ उन्होंने रंग मंच में भी अपनी वैचारिक कला का प्रदर्शन करते हुए कई जीवंत अभिनय किये जिन्हें नगर के साथ साथ रंगमंच से जुड़े लोग कभी भी भुला नहीं पाएंगे ऐसे अदभुत कलाओं से परिपूर्ण मधुरभाषी सौम्य स्वभाव के धनी बरिष्ठ पत्रकार पं. रमेश तिवारी का एक लंबी बीमारी के उपरांत दिन शनिवार के देर शाम उनका निधन हो गया उनके गोलोक वासी होने की सूचना जैसे ही नगर व क्षेत्र में हुई तो उन्हें चाहने वाले लोग स्तब्ध रह गए जैसे मानों नगर में तूफान के बाद सन्नाटा होता है ऐसा ही माहौल देखने को मिला उनके निधन से पत्रकारिता क्षेत्र में अपूर्तिनीय क्षति पहुंची है और हम सभी पत्रकार उनके निधन से व्यथित होकर उन्हें विनम्र श्रद्धाजंलि देते हुए ईश्वर से प्रार्थना करके उन्हें सदगति प्रदान करने की कामना करते है।
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