आर्य कन्या पाठशाला इंटर कॉलेज की छात्राओं की खिड़की से हवा पानी की हसरत नहीं होती पूरी
अमित गुप्ता
संवाददाता
कालपी/जालौन कालपी नगर की प्रमुख शिक्षण संस्था आर्य कन्या पाठशाला इण्टर कालेज की छात्राओं की खिड़की से हवा पाने की हसरत पूरी होना आसान नहीं है। प्रबन्धतन्त्र और प्रधानाचार्या के बीच चल रही उठापटक विधालय की व्यवस्थाओ में बाधक बनी है ।जिसका खामयाजा विधालय में शिक्षा पा रही छात्राओं को भोगना पड रहा है।
मालूम हो कि वर्ष 2009 में हाईवे विस्तारीकरण योजना में आर्यकन्या पाठशाला कन्या इण्टर कालेज की चहार दीवारी टूट गयी थी हालाकि इसके ऐवज में राष्ट्रीय राजमार्ग विकास प्राधिकरण द्वारा विधालय को 11 लाख रुपये मुआवजा के रुप में दिये गये थे और इसी धन से विधालय की नई चहारदीवारी बनाई जानी थी लेकिन तत्कालीन प्रधानाचार्या श्रीमती जयन्ती मिश्रा व तत्कालीन प्रबन्धक नरेन्द्र कुमार तिवारी के बीच बात नही बनी थी और चहारदीवारी बनवाये बगैर हाईवे आथारिटी से मिली धनराशि किसी खाता में जमा न करने के बजाये उसकी फिक्स एफडी करा दी गई थी जो अब विधालय की मूल समिति की सहमति के बगैर नही निकाला जा सकता है और यह धनराशि जमा हुये लगभग 1 दशक से अधिक समय हो गया है। हालाकि इसी बीच प्रबंधन में बदलाव हो गया था और विधालय के प्रबन्धक का पद श्रीमती प्रीति जैतिली के पास आ गया था और इसी बीच विधालय मे कोई स्थाई प्रधानाचार्या न होने से वहां पर किसी प्रकार की अन्य प्रक्रियाए सम्पादित नही हो सकी थी हालाकि 2015 मे प्रधानाचार्या पद पर शासन ने नुजहत जँहा को प्रधानाचार्या के रूप में तैनात कर दिया था लेकिन इसके बाद फिर से प्रबंधन और प्रधानाचार्या में पावर को लेकर जँग शुरू हो गई है जो विभाग के साथ हाइकोर्ट तक पहुंच गया है और शायद इसी वजह से विधालय के विकास कार्य रूके पडे है। कुछ माह पहले प्रबन्धन ने हाईवे की हद में आकर टूटी बाउण्ड्री को बनवाने की प्रक्रिया शुरू की थी लेकिन प्रधानाचार्या ने काम रूकवा दिया था लेकिन इसके बाद छात्राओं की परेशानी देखते हुए प्रधानाचार्या ने निर्माण की कवायद शुरू की थी लेकिन प्रबन्धिका ने रूकवा दिया था। प्रबन्धिका श्रीमती प्रीति जैतली के मुताबिक प्रधानाचार्या का कार्य शिक्षण व्यवस्था को देखना है पर भवन आदि की व्यवस्था देखना प्रबन्धतन्त्र का कार्य है। वही प्रधानाचार्या के मुताबिक विधालय में कोई वैध प्रबन्ध समिति नही है जिसके चलते वह विधालय की व्यवस्थाएं स्वय देख रही है लेकिन छात्राओं के हित में कराये जा रहे कार्य में रोडा अटकाया जा रहा है।
प्रबंध तंत्र व प्रधानाचार्य की जंग में पिस रही बेटियां
आर्य कन्या पाठशाला इण्टर कालेज की टूटी पडी चहारदीवारी से छात्राओं को बेहद परेशानी है इस बात का इल्म सभी को है। मुन्ना फुलपावर चौराहा पर सार्वजनिक टायलेट न होने से वहां पर आने जाने वाले लोग विधालय की टूटी पडी बाउण्ड्री में ही पेशाब करते है और प्रक्रिया वर्षो से चली आ रही है जिससे विधालय की कक्षाओं की खिडकी नही खुल पाती है जिससें छात्राओं को हवा खाने के लिये तरसना पड़ रहा है।
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