विधवा ब्राम्हणी की पुत्री ने न.पा.आर आई पर लगाया उत्पीड़न का आरोप

Nov 21, 2023 - 19:21
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विधवा ब्राम्हणी की पुत्री ने न.पा.आर आई पर लगाया उत्पीड़न का आरोप

धन का लालच देकर ऑफिस टाइम के बाद पीड़िता की पुत्री को आर. आई ने आखिर किस मकसद से बुलाया? 

संवाददाता

अमित गुप्ता

कालपी/जालौन कालपी कस्बा के मोहल्ला अदल सराय मे एक कालौनी बनवाने के नाम पर चल रहा विवाद नया मोड लेता नजर आ रहा है! आज विधवा ब्राम्हण महिला की पुत्री ने रोते बिलखते हुये बताया कि आर आई और आर आई के गुर्गों ने पहले तो अवैध निर्माण की बात कहकर धन की मांग की फिर मेरे ऊपर गलत निगाह डाली और उसी लालच के चलते समझौते के नाम पर कई बार ऑफिस के बाद बुलाया लेकिन पीडिता की पुत्री हमेशा चकमा देकर ऑफिस समय ही पहुंची उनकी गंदी मानसिकता को जब पीड़िता ने नाकाम कर दिया तो नाराज हो कर आर आई और उसके गुर्गों ने अर्धनिर्मित कालौनी को तोड़ने की धमकी तक दे डाली!उधर जब इस मामले की जांच नायब तहसील दार हरदीप को दी गई तो वे भारी पुलिस बल के साथ मौक़े पर पहुंचे लेकिन किसी खास नतीजे पर नही पहुंच सके उन्होंने दोनों पक्षों को ऑफिस बुलाया और उस विवादित जगह पर कोई भी निर्माण न करे ऐसा आदेश दिया खास बात ये कि दोनों को बनाने से मना तो कर दिया लेकिन जब नगर पालिका दोनों से हाउस टैक्स वसूल रही तो वह किस आधार पर और इन्हे तो बनाने से मना कर रही और कस्बा कालपी मे करीब 75% मकान भी इसी श्रेणि में आते हैं तब... उनका क्या.... और वहीं पड़ोस में एक नहीं कई कॉलोनी नगर पालिका की हाउस टैक्स के आधार पर बन रही और उसी हाउस टैक्स के आधार पर लोग रेजिस्ट्री कर रहे तो उसका क्या... आखिर प्रशासन ने जांच की या फिर दबंगो के आगे नतमस्तक होने के सबूत दिये इस बात की शहर में खासी चर्चा है! कि लोगों में जब संतुष्टि नहीं होती तो प्रशासन का दरवाजा खट खटाया जाता है लेकिन जांच के बाद प्रशासन शिकायत करता से शिकायत न करने का दबाव बनाए ये कहाँ तक न्यायोचित होगा! 

 हाल फिलहाल आज तो इस विवाद में एक नई कड़ी ही शामिल हो गई है जब पीड़िता की पुत्री ने रोते बिलखते हुये पुलिस को एक और नई शिकायत देने की बात बताई पीड़िता की पुत्री उषा की मानें तो ये कॉलोनी न बन पाने की वजह ही मैं हूँ और यदि मेरी न सुनी गई तो फिर अंत में न्यायालय की शरण में जाऊँगी मैं हर हाल में दोषियों को दण्डित करा कर ही चैन से बैठूगी!

पीड़ित महिला की पुत्री ने जब आप बीती बताई तो हर सुनने वाले के कान खड़े हो गये उसने बताया कि उसकी माँ विधवा है और साधु संगति में रहती है उसका वर्षों से एक प्लाट था जिस पर बकायदा पीड़िता के नाम हाउस टैक्स अदा किया जाता है पीड़िता गरीब विधवा ब्राम्हण महिला है और बड़ी आरजू मिन्नत के बाद प्रधान मंत्री आवास मिला जब पीड़िता ने बनवाना शुरू किया कि तभी सुनियोजित षड्यंत्र के तहत पैसों की डिमांड की गई तो विधवा ब्राम्हणी ने असमर्थता जताई तो पीछे एक देवस्थल बता कर विवाद किया जब काफी विवाद डाला तो वे बोले अच्छा चलो रुपये नहीं तो तीन फिट रास्ता दे दो पीड़िता जाति से ब्राम्हण और साधु संगति करने वाली उसने रास्ता दे दी और फिर कॉलोनी का आधा निर्माण हो गया अब जब दूसरी किश्त आई और काम शुरू हुआ तो लालची झुंड ने फिर वही रास्ता अखतियार किया बेचारी माँ बेटी फिर परेशान और इधर आर आई ने खुद ही विधवा ब्राम्हणी की पुत्री को पैसों का लालच देना शुरू कर दिया पीड़िता की पुत्री की समझ में नहीं आ रहा था कि आर आई आखिर क्यों बार बार इतनी रहम दिखा रहा है और बार बार समझौते के नाम पर ऑफिस के बाद बुला रहा है पीड़िता बोली कि जब पहले विवाद हुआ था तब आर आई एक बार शुरू में पड़ोसी आरोपी लोगों के साथ आये थे और कह गये थे कि मुझसे आकर ऑफिस के बाद मिलो मैं सब ठीक कर दूंगा लेकिन मैं हमेशा ऑफिस समय ही पहुंची तो आर आई साहब हर दूसरे दिन की बात कहकर लौटा देते थे और गंदी मुस्कराहट के साथ मुस्कराते थे हालांकि मुझे अच्छे से ध्यान है एक बार जब इन्होंने मेरी शिकायत पर रिपोर्ट लगाई तो कहा था मैंने अच्छी रिपोर्ट लगा दी है अब उन्होंने परेशान तो नहीं किया अब आप भी मेरी बात मान जाओ तो मैंने कहा था कि मेरी विधवा माँ को देखो उसकी मदद करो जब मै ये कहती तो आर आई साहब नाराज होने लगते थे एक दिन अभी हाल में आर आई साहब ने मुझसे झल्लाते हुये कहा कि आपको समझ में नहीं आता जब जिस समय आपको मै बुलाता हूँ उस समय क्यों नहीं आती यदि अब नहीं आई तो तुम्हारा बना हुआ मकान भी गिरवा दूंगा! वर्ना जब उन लोगों को मै तुम्हारे पास भेजे तो उनके साथ आकर मिल लो!पीड़िता से पूंछा कि प्रार्थना पत्र इतना देरी से क्यों दिया तो पीड़िता की पुत्री बोली साहब वो तो शुरू से गंदी सोच दर्शा रहे थे लेकिन मै मान मर्यादा के कारण चुप थी लेकिन अभी हाल में जब उन्होंने ऑफिस के बाद फिर बुलाया और मै फिर टाल गई तो वे घर आये और मुझसे तो गंदी हरकतों के इशारे कर कर के बात कर रहे थे और मेरी माँ को बुरी तरह डांट रहे थे तो फिर मुझे लगा कि अब तो पानी सिर से ऊपर ही उठ गया है और तब जाकर मैंने कोतवाली पुलिस को ये प्रार्थना पत्र दिया है!

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