नगर में आवारा सुअर और गौवंश से हलाकान है प्रत्येक नागरिक व व्यापारी
अमित गुप्ता
संवाददाता
कालपी जालौन घर की हर छत से लेकर रोड पर बन्दर गंदगी फैलाते रोक में विचरते सुअर और हर घर के दरवाजे से लेकर सम्पूर्ण बाजार में घूमते गौवंश एक ऐसी भारी मुसीबत बन गये है जिससे नगर के बच्चे महिलाएं और हर व्यापारी बुरी तरह हलाकान है!
नगर जिस तेजी के साथ बन्दरों की संख्या बढ़ रही है उससे कोई सुरक्षित नहीं है छत में कपड़े नहीं सुखा सकते कपडे़ उठा ले जाते हैं। और फाड़ कर नष्ट कर देते हैं दरवाजा खुला नहीं रख सकते अन्दर रसोई तक चुपके से घुस जाते हैं और जो मिला उठा ले जाते हैं फ्रिज को खोलकर उससे भी सामान निकाल लेजाते हैं जूता चप्पल तक सुरक्षित नहीं हैं सबसे बुरा हाल है रेहणी ठिलिया पर फल सब्जी आदि आर्य सामग्री बेचने वालों और कन्फेन्सरी दुकान दारों का पलक झपकते ही धावा बोल देते हैं और सामान उठाकर भाग जाते हैं!बच्चे अकेले स्कूल नहीं जाते बीच रोड पर झुंड बनाऐ बैठे बन्दर उनपर हमलावर हो जाते हैं इन बन्दरों ने कई लोगों को विकलांग कर दिया यहां तक कई लोगों की मौत भी हो गई।
वहीं आवारा गौवंश का भी आतंक कम नहीं है ये भी दिनभर सब्जी फल विक्रेताओं को अपने निशाने पर रखती हैं निगाह बचाकर मुंह मार देना इनकी फितरत बन चुकी है और उसके बाद डंडे भी खाने पड़ते हैं बस्ती की शायद ही कोई ऐसी गली हो जहां चार पांच गौवंश न मिल जाए! सुअरों के झुंड भी नगर की शोभा बढा़ रहे हैं हर गली में गंदगी कूडे़ के ढेर में पसड़े देखे जा सकते हैं बाजार में लोगों के झोले को झपट्टा मार कर मुंह में दबाकर भाग जाते हैं सबसे अधिक आतंक तो इनका गल्ला मण्डी और सब्जी मंडी में देखा जा सकता है! आखिर इन तीन लुटेरों से कालपी की जनता को कभी राहत मिल सकती है यह बहुत बडा़ प्रश्न है अगर मिले तो कैसे मिले यह भी सोचने वाली बात है ! पर इतना अवश्य कह सकते हैं कि शासन प्रशासन में बैठे लोग अधिकारी चाहें तो सब सम्भव है अब कब चाहेंगे यह कहना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है!
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