बागीश्वरी साहित्य परिषद की हुई मासिक गोष्ठी का हुआ आयोजन
कोंच(जालौन) नगर के गुप्तेश्वर मन्दिर पर एक कवि गोष्टी का आयोजन किया गया जिसमें कवियों ने कविता पाठ करते लोगो को कविता सुनाई।गुरुवार को गुप्तेश्वर मन्दिर पर आयोजित हुई कवि गोष्टी में कविता पाठ सुनाते कवि राजेन्द्र सिंह रसिक ने अपनी कविता में कहा कि *जमीन में जो गिरे है उनको उठाया जाएं किसी बेवश को गले से लगाया जाएँ हर जगह ऐसे भी खुल जाए मदर से यारों जहाँ इंसानियत का पाठ पढ़ाया जाए* वही कवि राम जी ने अपनी कविता में कहा कि *लोगो की बातों को भुला कर मैने मंजिल से रास्ते अपनाए और लोग जिनको फल समझा है मैने उन्हें कांटो की तरह आजमाए है* कवि सुनील कांत तिवारी में अपनी कविता में कहा कि *हवन किया तंत्र हाथ जले है छोड़ो बाबू हम अपनो के हाथ छले है छोड़ो बाबू* वही कवि नन्दराम स्वर्णकार ने अपनी कविता में कहा कि *शब्द ही पीट देते है कलेजा चीर देते हैं शब्द को टोल कर बोलो शब्द बे पीट होते है* इस मौके पर कवि संतोष तिवारी,कैलाश मिश्रा,मंजू नगाइच,रामविहारी सहित कई कवि मौजूद रहे।
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