टीबी रोगी खोज अभियान में चिन्हित हुए 95 क्षय रोगी, सभी का शुरू हुआ त्वरित इलाज़

Jun 20, 2023 - 18:23
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टीबी रोगी खोज अभियान में चिन्हित हुए 95 क्षय रोगी, सभी का शुरू हुआ त्वरित इलाज़

रायबरेली, 20 जून 2023  सलोन ब्लॉक के बगौला निवासी 18 वर्षीय शिखा (बदला हुआ नाम) और बताती हैं कि उन्हें अप्रैल माह से खांसी और बुखार आ रहा था | उन्होंने निजी चिकित्सक को दिखाया लेकिन कोई लाभ नहीँ हुआ | इसी दौरान मई महीने में आशा दीदी ने बुखार और खांसी की समस्या को देखते हुए हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर जांच कराने के बारे में बताया | आशा दीदी के कहने पर वहाँ जांच कराई जिसमें टीबी की पुष्टि हुई और फ़ौरन टीबी का इलाज शुरू हो गया | यह हमारे लिए फायदेमंद साबित हुआ नहीं तो हमारी बीमारी बहुत बढ़ जाती |

शिखा सहित जनपद में कुल 95 टीबी के रोगी मई में चलाए गए टीबी रोगी खोज अभियान में चिन्हित हुए हैं | इस संबंध में जिला क्षय रोग अधिकारी डा. अनुपम सिंह बताते हैं कि जनपद में 15 मई से 6 जून तक हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर 21 कार्य दिवसों तक विशेष अभियान चलाकर क्षय रोगी खोजे गए | इस टीबी रोगी खोज अभियान में 11 लाख से अधिक घरों का सर्वे कर टीबी के लक्षणों के आधार पर 3,99,500 लोगों की स्क्रीनिंग की गई जिनमें से 3476 संभावित टीबी के रोगी मिले | इनमें से 2063 लोगों के बलगम की जांच की गई और 95 में टीबी की पुष्टि हुई | सभी का इलाज शुरू कर दिया गया है और उनका निक्षय पोर्टल पर पंजीकरण भी हो गया है |

जिला क्षय रोग अधिकारी के अनुसार ऊंचाहार ब्लॉक में सर्वाधिक टीबी के 12 मरीज मिले ।

जिला क्षय रोग अधिकारी बताते हैं कि टीबी के इलाज में सबसे महत्वपूर्ण बात है कि जल्द से जल्द रोगी की पहचान हो जिससे कि समय से इलाज शुरू किया जा सके और संक्रमण को फैलने से रोका जा सके क्योंकि दो माह तक लगातार टीबी की दवा के सेवन करने से टीबी के कीटाणु निष्क्रिय हो जाते हैं और संक्रमण फैलाने की स्थिति में नहीं होते हैं | सिर्फ फेफड़े की टीबी संक्रामक होती है |

उन्होंने कहा कि यह अभियान ग्रामीण क्षेत्रों में हाई रिस्क एरिया में चलाया गया | ऐसे क्षेत्र जो हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर से दूर हैं और जहां पिछले दो सालों में अधिक टीबी रोगी या कोविड रोगी चिन्हित हुए हों | प्रत्येक हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर क्षय रोगियों को खोजने का अभियान चलाया गया | शिविर से पहले आशा कार्यकर्ता और एएनएम अपने क्षेत्र में घर-घर जाकर क्षय रोग के लक्षण वाले व्यक्तियों को चिन्हित किया गया | आशा कार्यकर्ता और एएनएम शिविर वाले दिन चिन्हित व्यक्तियों को शिविर पर लाकर जहां पर उनके बलगम को एकत्र कर जांच के लिए भेजा गया और जांच पॉजिटिव आने पर तुरंत ही मरीज का नोटिफिकेशन कर इलाज शुरू कर दिया गया |    

यह हैं टीबी के लक्षण – 

- दो हफ्ते से अधिक समय तक खाँसी आना

- शाम के समय बुखार आना

- सीने में दर्द होना, थकान लगना

- बलगम में खून आना, 

- रात में पसीना आना

- लगातार वजन का घटना

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