कड़कड़ाती ठण्ड में लोग अलाव तापने पर मजबूर

कोंच(जालौन) बढ़ती कड़ाके की ठंड ने जहां लोगों की धड़कने बढ़ाई हैं वहीं आपसी सौहार्द भी बढ़ाया है वहीं व्यस्त जीवन में भी इस कड़ाके की सर्दी ने चार लोगों को एक जगह इकठ्ठा होने को मजबूर कर दिया है अगर कहीं भी रास्ते में अलाव जलता हुआ दिखता है तो लोग बेझिझक अलाव की ओर खिंचते चले आते हैं और अलाव की अग्नि से अपने शरीर को संतृप्त कर शरीर को गर्मी देने का काम करते हैं क्योंकि बुन्देलखण्ड क्षेत्र गर्मी सर्दी और बरसात का सामंजस्य बनाते हुए स्थापित है जिसके कारण कृषि उपज भी नए आयाम स्थापित करती है जिसमें कोंच तहसील क्षेत्र से हरी मटर गुरिया धना मेंथा आदि फसलें बिभिन्न राज्य में जाती हैं जिसके लिए सर्द मौसम भी आवश्यक है लेकिन जब चिल्ला जाड़े हाड़ कपाऊ सर्दी पड़ती है तो लोगों के दैनिक जीबन में अवरोध तो आता ही है लेकिन यह सर्दी आपसी भाईचारा बनाने का काम करती है और लोग अलाव की ओर अपने आप खिंचे चले आते हैं।
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