संत अभिराम दास के निधन पर क्षेत्र में शोक की लहर
वीरेंद्र सिंह सेंगर
अजीतमल औरैया। जनपद के सुदूर वर्ती बीहड़ी क्षेत्र यमुना और चंबल के दुर्दांत जंगलों में बसे गांव मलगवां के रहने वाले महंत अभिराम दास वेदांती जी जो जूनागढ गिरनार पर्वत पर महंत थे उनका निधन होते ही संपूर्ण क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई, उनके गोलोक वासी होने पर संपूर्ण क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई वहीं संत समाज ने पंचनद धाम क्षेत्र विशेष रूप से संत समाज के लिए अपूरणीय क्षति बताया है।
ज्ञात हो कि जनपद की तहसील अजीतमल क्षेत्र के अंतर्गत बीहड़ी क्षेत्र में स्थित ग्राम मलगंवा के रहने वाले संत महंत अभिराम दास वेदांती जो गिरनार पर्वत पर स्थित जूनागढ़ अखाड़े के समाज से जुड़कर वहां पर महंत पद को सुशोभित कर रहे थे और उनका संत समाज में एक अलग ही स्थान था तथा उनके द्वारा किए गए समाज के उत्थान करने से संबंधित कार्यों के लिए उनको संत समाज में एक अलग ही स्थान दिया जाता था उनके निधन पर जहां क्षेत्र में शोक की लहर छा गई है वहीं गिरनार पर्वत के महंत विष्णु दास ने संत समाज के लिए अपूरणीय छति बताया और उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए पांच नदियों के संगम पंचनद धाम क्षेत्र के वरिष्ठ पत्रकार एवं पंचनद पर्यटन एवं प्रवास ट्रस्ट के संस्थापक राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह सेंगर ने इस क्षेत्र के लिए विशेष रूप से धार्मिक पौराणिक एवं ऐतिहासिक स्थान के लिए उनका गोलोक वासी होना बहुत बड़ी क्षति है जो आने वाले समय में हमेशा कमी के रूप में दिखती रहेगी उनके साथ साथ मझकरा महाराज, चंबल गिरि महंत भारेश्वर मंदिर, महंत अश्वनी वन बाबा साहब मंदिर, राम दास लला बाबा मां कर्णावती मंदिर, रज्जन दास कोतवाल आदि ने भी उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।
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