ग्रामोधोग केंद्र में हो रहा प्रशिक्षण के नाम पर लाखों का घोटाला
रिपोर्ट-------- सोनू महाराज
कालपी जालौन नगर में स्थापित मंडलीय ग्रामोधोग प्रशिक्षण केंद्र के बारे में नगर तथा क्षेत्र के लोग भले ही ज्यादा न जानते हो पर यह केंद्र दस जनपदों के बेरोजगारों को रोजगार परक शिक्षा देकर उन्हें रोजगार के अवसर भी देता। खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा लोगों को रोजगार परक शिक्षा देने के लिए सन 1987 में मंडलीय ग्रामोधोग एवम् प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना की थी जिसमे बुंदेलखंड के सभी जनपदों के अलावा जैसे कानपुर, कानपुर देहात, औरैया, इटावा, कन्नौज, आदि जनपदों के युवाओं को प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार के काबिल बनाया जाता है।
सरकार प्रधानमंत्री कौशल विकास के माध्यम से स्वरोजगार उपलब्ध करा रही है इसके लिए लोगों को प्रशिक्षण दिए जाते हैं। सूत्रों से मिली जानकारी की कालपी नगर के मुहल्ला हरिगंज व किला घाट स्थित बना ग्रामोद्योग मंडलीय केंद्र में प्रशिक्षणों के नाम पर लाखों रुपए के फर्जी बिल लगा कर भुगतान कराया जा रहा है। प्रशिक्षार्थियों का आरोप है कि केवल पहले व अंतिम दिन बुलाकर प्रमाण पत्र दे दिया जाता है जबकि प्रशिक्षण निर्धारित समय 15 दिनों का है। ग्राम उद्योग मंडलीय प्रशिक्षण केंद्र में 10 जिले के 25 लोगों को माटी कला शिल्पकारी का प्रशिक्षण दिया जाना था इसके लिए कानपुर देहात जिले के लोगों का चयन किया गया 16 से 31 मार्च तक लोगों को प्रशिक्षण देना था पहले दिन सभी प्रशिक्षार्थियों को बुलाया गया इसके बाद अंतिम दिन 3 अप्रैल को सभी प्रशिक्षार्थियों को बुलाकर प्रमाण पत्र दे दिए गए बीच में न तो किसी प्रशिक्षार्थी को बुलाया गया और न ही प्रशिक्षण दिया गया । जबकि 25 लोगों के रुकने व खाने का भुगतान करा लिया गया खाने व अन्य उपयोगी सामान के नाम पर लाखों रुपए डकारे जा रहे हैं यह खेल या होने वाले सभी तरह के प्रशिक्षणों में किया जाता है। इसी केंद्र पर पिछले दिनों 30 लोगों को टूलकिट्स का तीन दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाना था इसमें एक ही दिन में प्रशिक्षार्थियों को प्रमाण पत्र दे दिए गए। जिला ग्रामोद्योग प्रशिक्षण केंद्र के प्राचार्य शीशुपाल सिंह गोयल का कहना है कि परीक्षार्थी आते ही नहीं तो मैं क्या करूं।
ग्राम उद्योग मंडलीय प्रशिक्षण केंद्र कालपी में तीन मंडलों के 10 जिले के लोगों को प्रशिक्षण दिया जाता है इसमें ललितपुर ,झांसी, जालौन, महोबा, बांदा ,हमीरपुर, चित्रकूट ,औरैया ,इटावा, कानपुर देहात जिले शामिल है
शासनादेश के अनुसार प्राचार्य के पद पर स्थानीय व्यक्ति की तैनाती नहीं होनी चाहिए लेकिन कालपी केंद्र पर लगभग 5 साल से शिशुपाल सिंह गोयल तैनात है जो स्थानीय है लोगों का कहना है कि इनकी तैनाती के बाद फर्जी बिल वाउचर बनाकर भुगतान कराने का खेल बड़े पैमाने पर शुरू हुआ इसका मुख्य कारण इनका स्थानीय होना है यदि इनका स्थानांतरण हो जाए तो फर्जी भुगतानो पर रोक लग सकती है। जिले में बैठे आला अधिकारी जांच कर कार्रवाई करें
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