पक्षी अपने प्रजनन काल में किन किन गतिविधियों के माध्यम से बच्चों को नए संसार में जीवन देते

पचनद धाम (औरैया ) इस संसार में आना किसी भी प्राणी के लिए एक अपने जीवन का एक अद्भुत और अलौकिक होता है किसी भी प्राणी द्वारा प्रजनन कर अपने बच्चों को इस संसार में खुले आसमां में आने के छण आत्मा को एक अलग ही अनुभूति होती है।
ऐसे ही छड़ की सुखद अनुभूति के साथ एक चिड़िया जिसको क्षेत्रीय भाषा में बुलबुल कहते हैं जिसके सिर पर काली चोटी, गर्दन और पूंछ लाल के अलावा पूरी काली होती है इसकी अदाएं लुभावनी होतीं हैं इसके प्रजनन का समय आने पर उसने एक मेरे घर के एक वृक्ष पर घोंसला बनाना शुरू किया तो मैंने भी एक पक्षी प्रेमी होने के कारण उसकी प्रजनन काल से पूर्व से लेकर प्रजनन कर बच्चों को इस अद्भुत संसार में आने के अनेक यत्नों को लगभग एक माह के कठोर तप के साथ उनकी परवरिश में शिकारी पक्षी और जानवरों से सुरक्षित करते हुए इस संसार में उनके उड़ान भरने की क्षमता आते ही अपने हाथों से इस अलौकिक संसार में स्वच्छंद विचरण करने के लिए आजाद किया जिसका मुझे भी अपने जीवन में अभी तक का सबसे बड़ा सफलतम अनुभव प्राप्त हुआ।
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