बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत कन्या जन्मोत्सव कार्यक्रम आयोजित किया गया

Jul 3, 2023 - 17:27
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बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत कन्या जन्मोत्सव कार्यक्रम आयोजित किया गया

 संवाददाता के के श्रीवास्तव जालौन 

उरई जालौन  जिलाधिकारी के निर्देश पर जिला प्रोबेशन अधिकारी के मार्ग निर्देशन में महिला कल्याण विभाग द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजनान्तर्गत बालिका के जन्म के प्रति समाज में सकारात्मक सोच को बढ़ावा देने के लिए जिला महिला चिकित्सालय उरई में कन्या जन्मोत्सव कार्यक्रम महिला कल्याण विभाग से महिला शक्ति केंद्र से महिला कल्याण अधिकारी अलकमा अख्तर द्वारा आयोजित किया गया। महिला कल्याण अधिकारी द्वारा सात नवजात कन्याओं की माताओं को बेबी किट व कन्या बधाई पत्र देकर सम्मानित किया गया एवं कन्या सुमंगला योजना के विषय में जानकारी दी गई। इस अवसर पर महिला कल्याण अधिकारी अलकमा अख्तर ने बताया कि कन्या सुमंगला योजना के अन्तर्गत सरकार द्वारा 06 चरणों में आर्थिक मदद उपलब्ध करायी जाती है। इस योजना से बाल विवाह, लिंग भेदभाव जैसी कुप्रथा का भी अंत होगा। उन्होने बताया कि कन्या सुमंगला योजना का आवेदन लोकवाणी/जनसेवा केंद्र पर जाकर ऑनलाइन करना है। लड़के की चाहत में कुछ दंपति गर्भधारण के प्रारंभिक समय में अल्ट्रासाउंड द्वारा बच्चे के लिंग को जानने को उत्सुक रहते हैं और जैसे ही उन्हे पता चलता है कि गर्भ में पल रहा भ्रूण लड़की है वैसे ही गर्भपात करवाते हैं. ऐसे भी मामले सामने आते हैं जिनमें प्रसव के बाद जब दंपति को पता चलता है कि शिशु लड़की है तो उसे अपनाने से इंकार कर देते हैं,

इस तरह के कृत को हमारे देश के कानून में अपराध माना गया है और इन्ही अपराधों पर लगाम लगाने के लिए ही पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (PCPNDT) अधिनियम, 1994 बनाया गया है, जो कन्या भ्रूण हत्या को रोकने और भारत में गिरते लिंग अनुपात को रोकने के लिए बनाया गया है। इस अधिनियम ने जन्मपूर्व लिंग निर्धारण पर प्रतिबंध लगा दिया। लिंग जांच करवाने वाले व्यक्ति को तीन से लेकर पांच साल तक की जेल, व 10000 से लेकर 50,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।उन्होने घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 के बारे में बताते हुए कहा कि इस अधिनियम का उद्देश्य घरेलू हिंसा से बचाना एवं पीड़ित महिलाओं को कानूनी सहायता उपलब्ध कराना हैं।उन्होने कहा कि बेटा/बेटी में भेदभाव न करें, दोनों को समान शिक्षा दें, जिससे बेटियां भी अपने पैरों पर खड़ा होकर परिवार, समाज एवं देश का नाम रोशन करें।उन्होने बताया कि महिलाओं की सुरक्षा के दृष्टिगत हेल्पलाइन नम्बर 1090 वूमेन पावर लाइन, 181 महिला हेल्पलाइन, 1076 मुख्यमंत्री हेल्पलाइन, 112 पुलिस आपातकालीन सेवा, 1098 चाइल्ड लाइन, 102 स्वास्थ्य सेवायें एवं 108 एम्बूलेंस सेवाओं के बारे में बताया। 

इस अवसर पर जिला महिला चिकित्सालय से मुख्य चिकित्सा अधीक्षिका डॉक्टर सुनीता बनोधा , स्टाफ नर्स एवं समस्त स्टाफ व वन स्टॉप सेंटर से रिचा दिवेदी,रागनी, प्रवीणा, जितेन्द्र एवं महिलाएं व पुरुष उपस्थित रहे।

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