काशीराम कॉलोनी में समस्याओं का अंबार, जिम्मेदार नहीं दे रहे हैं ध्यान
जिला संवाददाता रोहित कुमार गुप्ता
उतरौला बलरामपुर मान्यवर काशीराम शहरी गरीब आवास योजना के तहत उतरौला के मोहल्ला आर्य नगर में स्थित कालोनी में समस्याओं का अम्बार लगा हुआ है, दो मंजिला कॉलोनी में कुल 276 परिवारों के रहने की व्यवस्था है। मगर बसपा के बाद सपा व लगातार दूसरी बार भाजपा सरकार बनने के बाद भी निदान के लिए ठोस प्रयास नहीं हो रहे हैं। बसपा की सत्ता गई तो बेहतर इंतजाम ने भी मुंह फेर लिया।
शहरी क्षेत्रों के गरीबों को आशियाना देने के उद्देश्य से बसपा सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट में शुमार मान्यवर कांशीराम शहरी गरीब आवास योजना के तहत बनी कालोनी में रह रहे गरीबों के समक्ष समस्याएं सुरसा की तरह मुंह बाये खड़ी है, मगर बसपा सरकार के जाने के बाद कोई पुरसाहाल नहीं है। बरसात के मौसम में भारी जल जमाव हो जाता है। कालोनी वासियों को पानी में घुसकर आवागमन करने को विवश हैं।
कालोनी में सफाई व्यवस्था भी दयनीय है। सीसी रोड पर यदा-कदा सफाई तो हो जाती है, मगर कूड़ों का अम्बार लगा रहने से स्वच्छ तरीके से सांस लेना मुश्किल हो गया है। महीनों से कूड़ा का उठान ना होने के कारण कॉलोनी के पीछे चारों तरफ कूड़े और गंदगी का अंबार लगा हुआ है। नालियां टूटी,भठी व चोक हैं। नालियों में जाने वाला पानी ओवरफ्लो होकर बाहर बहता है। नालियों की सफाई न होने से संक्रामक रोगों का खतरा पैदा हो गया है। रामकुमार, कन्नान, बाबा, जान मोहम्मद, रामप्रकाश, साधु समेत अन्य कालोनी वासी कहते है कि पिछले कई वर्ष में सिर्फ एक बार नाली की सफाई भी हुई तो मिट्टी व कचरा न उठाये जाने से पुन: नाली में चला गया है। जिससे नाली जाम हो गई है। पिछले 12 वर्षों में कभी भी कालोनी का रंग रोगन व मरम्मत का कार्य नहीं हुआ। जिससे कॉलोनी धीरे-धीरे जर्जर होती जा रही है। दूसरी मंजिल पर स्थित सभी आवासों के छत बरसात में बुरी तरह टपकते हैं। पिछले बरसात में जीने का छज्जा टूट कर गिर गया था जिसका अभी तक मरम्मत नहीं कराया गया। कालोनी वासियों का आरोप है कि सफाई व्यवस्था ध्वस्त, समस्याओं का अम्बार, पेयजल की किल्लत बढ़ गई है।
सर्वाधिक दिक्कत शुद्ध पेयजल को लेकर है। बनने के साथ ही ओवरहेड टैंक लीकेज होने के कारण आज तक संचालित नहीं हो सका। निर्धारित समयानुसार मोटर चला कर पानी दिया जाता है। प्रथम व द्वितीय तल पर पानी न पहुंचने से ज्यादा दिक्कत हो रही है। इसमें सबसे अधिक परेशानी महिलाओं को होती है। जाहिदा बेगम व नाजमा खातून कहती है कि दिनचर्या में पानी का काफी अहम भूमिका है। ऐसे में कालोनी में लगे हैंडपंप से पानी भरकर लाना पड़ता है।
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