गोवर्धन पर्वत को कनिष्ठ पर धारण कर कृष्ण ने इंद्र का घमंड तोड़ा

Jul 8, 2024 - 17:14
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गोवर्धन पर्वत को कनिष्ठ पर धारण कर कृष्ण ने इंद्र का घमंड तोड़ा

कोंच (जालौन) तहसील क्षेत्र के ग्राम पडरी में चल रही श्रीमद भागवत कथा में कंस वध गोवर्धन लीला का प्रसंग सुनाया गया पडरी में चल रही संगीतमय कथा में कथा वाचक वंदना उपाध्याय ने अपने मुखारविंद से कथा का श्रवण पान कराया वहीं कथा व्यास ने अमृत मयी बाड़ी से भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओं और रासलीलाओं के प्रसंग का दृश्य देकर श्रोताओं को कृष्ण भक्ति का ज्ञान प्राप्त कराया एवं भक्तों को भगवान श्री कृष्ण की बाल लीला का वर्णन करते हुए कहा कि कृष्ण के पैदा होने के बाद कंस ने उनको मौत के घाट उतारने के लिए अपने राज्य की सर्वाधिक बलवान राक्षसी पूतना को भेष बदलकर भगवान श्री कृष्ण को अपने स्तन से जहरीला दूध पिलाने का प्रयास कराती है लेकिन भगवान श्री कृष्ण उसको मौत के घाट उतार देते हैं उसके बाद कार्तिक माह में बृजवासी भगवान इंद्रदेव को प्रसन्न करने के लिए पूजन का कार्यक्रम करने की तैयारी करते हैं भगवान श्री कृष्ण द्वारा उनको भगवान इंद्र की पूजा करने से मना करने करते हुए गोवर्धन महाराज की पूजा करने की बात कहते हैं। इंद्र भगवान उन बातों को सुनकर क्रोधित हो जाते हैं और अपने क्रोध से भारी वर्षा करते हैं जिसको देखकर समस्त बृजवासी परेशान हो जाते हैं भारी वर्षा को देख भगवान श्री कृष्ण गोवर्धन पर्वत को अपनी कनिष्ठा अंगुली पर उठाकर पूरे नगर वासियों को पर्वत के नीचे बुला लेते हैं जिसको देखकर इंद्र एक सप्ताह के बाद बारिश को बंद कर देते हैं। जिसके बाद में भगवान श्री कृष्ण और गोवर्धन महाराज के जयकारे लगने लगते हैं इसी दौरान उन्होंने यह भी कहा कि हमें ईश्वर प्राप्त के लिए ईश्वर भक्ति में समय लगना चाहिए इस दौरान परीक्षित माधुरी देबी,एवं सुपुत्र प्रमोद कुमार,ने भगवान की आरती उतारी इस मौके पर छत्रसाल पटेल, कृष्ण कान्त, बृजेंद्र सिंह, दिलीप पटेल,सतीश महाराज चंद्र प्रकाश पाठक ,राजीव लोचन श्रीवास्तव, ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि सत्येंद्र कुमार उर्फ शीलू,रणजीत सिंह सुभाष पटेल, भगवान दास,राम प्रकाश निरंजन, रामराजा निरंजन, संजीव निरंजन आशुतोष पटेल, बबलू पटेल,आदि मौजूद रहे।

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