जिले के ग्राम पंचायतों में तैनात सफाई कर्मियों में 80% को ग्रामीण पहचानते नही

Aug 31, 2024 - 07:43
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जिले के ग्राम पंचायतों में तैनात सफाई कर्मियों में 80% को ग्रामीण पहचानते नही

अयोध्या से मनोज तिवारी की रिपोर्ट

अयोध्या इस समय जिले में दर्जनों सफाई कर्मी अपना मूल कार्य छोड़ कर ब्लाक से लेकर जिला मुख्यालय तक अधिकारियो की चौखटों पर जी हुजूरी करते देखे जा सकते है। कई सफाई कर्मी तो अपने गांव का पुरवा का रास्ता भी नही जानते होंगे, बीकापुर, तारुन हैरिग्टनागंज सहित तमाम ब्लाको पर प्रधान और कुछ नेताओ की कृपा पर नौकरी की जा रही है, कई सफाई कर्मियों ने तो बकायदा अपने स्थान पर दिहाड़ी मजदूर से काम करवाते है। चरावा के पूर्व प्रधान संदीप तिवारी ने बताया की प्राथमिक पाठशाला चरावा ग्राम पंचायत में तैनात सफाई कर्मी विद्यालय की साफ सफाई तक नहीं करता विद्यालय के प्रधानाध्यापक व सहायक अध्यापक के कहने के बाद भी सफाई कर्मी द्वारा सिर्फ झगड़ा किया जाता है बारिश के मौसम में तरह-तरह के कीटाणु सक्रिय हैं इंफेक्शन से नौनिहाल बच्चों बीमारी के शिकार हो सकते हैं ऐसे सफाई कर्मी के विरुद्ध तत्काल कार्यवाही होनी चाहिए, उन्होंने उप्र सरकार को ट्यूट भी किया है। 

*सूरते हाल विकासखंड तारुन के शिवरामपुर ग्राम पंचायत के राजस्व गांव खौपुरका*

वरिष्ठ पत्रकार मनोज तिवारी ने बताया कि हमारे ग्राम पंचायत शिवरामपुर ग्राम पंचायत का राजस्व गांव खौंपुर मैं चीन सफाई कर्मी अजय वर्मा द्वारा 5 महीने में एक बार सूट बूट के साथ बाइक पर सवार होकर गांव का जायजा लेकर चले जाते हैं जिसकी शिकायत भी सहायक विकास अधिकारी तरुण से की गई थी फिर भी अधिकारियों की साथ गांठ से सब कुछ ओके है वर्तमान समय में खौनपुर गांव में इंटरलॉकिंग तथा सड़क हुआ चक मार्गों पर भारी मात्रा में जल झंकार उगे हैं उसे साफ करने की बात तो दूर ग्लासर की दवा डालने में उन्हें दर्द महसूस हो रहा है जिससे मजबूर 

होकर ग्रामीण झाड़ झन्खाड़ो से गुजरने के लिए दिवस है। पत्रकार मनोज तिवारी ने जनपद उच्च अधिकारियों तथा जन प्रतिनिधियों से मांग की है कि उक्त राजस्व गांव के विकास के लिए जाम हुए पहिए को चुस्त दुरुस्त बनाकर विकास कार्य कायाकल्प करने का प्रयास करें तथा यादव ब्राह्मण बाहुल्इय इस गांव में करीब 300 वोटरों द्वारा ग्राम पंचायत का प्रधान बनाया जाता है यह शेयर ए सिर्फ खौपुर गांव को जाता है। लेकिन आज तक कोई जन प्रतिनिधि इस गांव की खोज खबर तक नहीं ली जिससे यह गांव आज भी उपेक्षा का शिकार बना हुआ है। आज तक इस ग्राम पंचायत को जनप्रतिनिधियों ने विकास के नाम पर 10% तथा सामाजिक में खर्च किया तथा लगभग आप जा नहीं सकते हैं कहां खर्च हुआ होगा लेकिन जनता को जनप्रतिनिधियों के विकास कार्यों से कोई खास लाभ होता दिखाई नहीं दे रहा है

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