ग्राम परावर में प्रधान व सचिव पर मजदूरों ने लगाये मनरेगा में धांधली के आरोप
जिला संवाददाता
अमित गुप्ता
नंदीगांव (जालौन) विकास खंड़ नदीगांव की ग्राम पंचायत परावर के ग्राम प्रधान व सचिव की भ्रष्टाचारी नीति के चलते जाँबकार्ड धारक मनरेगा मजदूरों द्वारा काम मांगने के बाद भी ग्राम प्रधान व सचिव काम नहीं दे रहे है तथा मनरेगा मजदूरों द्वारा करवाये जाने काम को जेसीबी व ट्रैक्टरों के द्वारा करवाये जाने का आरोप गांव के मनरेगा मजदूरों ने लगाते हुए मामले उच्च स्तरीय जांच करवाये जाने की मांग जिला प्रशासन से की है। मनरेगा जाँब कार्ड धारक संतोष पुत्र गोपी खाता नम्बर-6910, मनरेगा जाँब कार्ड नम्बर-65 शिरोवन पुत्र अजुददी, मनरेगा जाँब कार्ड नम्बर-189 मंगला देवी पत्नी रविन्द्र, जाँब कार्ड नम्बर-129 बेटी बाई पत्नी कुंवर पाल, जाँब कार्ड नम्बर- 144 सुन्दर कुंवर पत्नी श्रीराम, जाँब कार्ड नम्बर-167 राजकुमार पुत्र श्रीराम, जाँब कार्ड नम्बर-135 श्रीराम पुत्र अजुद्धी, जाँब कार्ड नम्बर-76 हरीसिंह पुत्र रामदास, जाँब कार्ड नम्बर-16 अमरसिंह पुत्र कालका प्रसाद, जाँब कार्ड नम्बर-471 संतोष सिंह पुत्र शिवनारायण, जाँब कार्ड नम्बर- 512 गिरजा पत्नी भारतसिंह, जाँब कार्ड नम्बर-130 रामप्रकाश पुत्र डरू आदि कई मनरेगा मजदूर ऐसे है जिनको प्रधान व सचिव द्वारा काम नहीं दिया गया है।मनरेगा मजदूरों ने आरोप लगाया है कि गांव के वर्तमान प्रधान के कार्यकाल में आज तक मनरेगा के तहत काम नहीं दिया गया है जबकि मनरेगा के तहत प्रधान व सचिव द्वारा जो काम करवाया गया है ट्रैक्टरों व जेसीबी के माध्यम से करवाया गया है।जबकि उक्त लोगों के नाम मनरेगा सूची में दर्ज है फिर भी काम नहीं मिल रहा है जिससे उनके परिवार भुखमरी की कगार पर पहुंचते जा रहे है।ग्राम पंचायत परावर के मनरेगा मजदूरों आरोप लगाया कि गांव के प्रधान रघुवीर सिंह कुशवाहा व सचिव शैलेश सोनकर की लापरवाही की बजह से मनरेगा मजदूरों काम नहीं मिल रहा है वहीं प्रधान व सचिव अपने चहेतों जाँबकार्ड बनवा रखे है जिनमें पैसा डालकर सरकारी पैसा हजम करने का काम किया जा रहा है।जिसकी जांच करवाये जाने तथा दोषी ग्राम प्रधान व सचिव के खिलाफ कार्यवाही किये जाने की मांग ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से उठाई है।
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