प्रतिबन्ध बेअसर, धड़ल्ले से हो रहा पालीथिन का प्रयोग

Jul 14, 2023 - 18:39
 0  27
प्रतिबन्ध बेअसर, धड़ल्ले से हो रहा पालीथिन का प्रयोग

अमित गुप्ता

संवाददाता

कालपी /जालौन लोग पालीथिन को "यूज एण्ड थ्रो"के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं इस्तेमाल के बाद पालीथिन को सड़क,नदी,नाले,चौराहे पर फेंका जाता है।उधर बेसहारा गौवंश इसके गम्भीर परिणाम भुगत रहे हैं। वहीं दूसरी ओर जिले में हवा की सेहत बिगड़ रही है। आसमान पर जाते स्माग से सांस टीवी अस्थमा सहित संक्रामक रोग पैर पसार रहे हैं। वहीं प्रदूषण के कारण लोगों की आंखों में जलन की सबसे ज्यादा परेशानी होती है।हालत चिंताजनक होते जा रहे हैं।

पालीथिन इस्तेमाल के पाबन्दी पर उठने वाला शोर काफी हद तक धीमा पड़ चुका है। पालीथिन को पूरी तरह से पाबन्द किए जाने की उम्मीद धरातल पर बेबुनियाद नजर आ रही है। शहरों से लेकर गांव तक पालीथिन बाजारों और सड़कों पर बिना रोक टोक दौड़ रही है। जबकि अधिकारी चंद दिनों की चौकसी दिखाने के बाद शांत बैठे हुए हैं।

जानलेवा बीमारियों को दावत देने और पर्यावरण को दूषित करने वाली पालीथिन को हमेशा के लिए दफन करने को बड़े स्तर पर मुहिम चलाई गई थी। प्रदेश सरकार ने भी पालीथिन पर पूर्ण पाबंदी लगाने के लिए अफसरों को औपचारिक आदेश पारित किए थे। आदेशानुसार ५०माईक्रोन से अधिक मोटाई पर रोक और इस्तेमाल करने पर जुर्माने का आदेश जारी हुआ था।कई दिनों तक प्रशासनिक अधिकारियों ने बाजारों दुकानों और ठेलियों पर छापेमारी की और भारी मात्रा में पालीथिन बरामद कर इसके प्रयोग पर जुर्माना लगाया ।सख्ती के चलते दुकानदारों और ग्राहकों ने काफी हद तक पालीथिन का प्रयोग बन्द कर दिया था लेकिन विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के चलते फिर से पालीथिन बिक्री ने जोर पकड़ लिया है। जिसमें पर्यावरण दूषित हो रहा है। सब्जी मंडी,किराना स्टोर, दूध डेरी,जनरल स्टोर और कपड़ों की दुकानों पर पालीथिन का प्रयोग बड़े पैमाने पर किया जा रहा है।

लोगों की मानसिकता में नहीं हो रहा है बदलाव

पालीथिन इस्तेमाल के लिए प्रशासन से ज्यादा आम जनमानस को जागरूक होने की जरूरत है। पालीथिन प्रतिबंधित होने के बावजूद भी लोग खाली हाथ बाजारों में सामान लेने पहुंचते हैं।इसके लिए लोगों को घर से ही कपड़े का झोला लेकर बाजार में खरीदारी कर पर्यावरण संरक्षण की ओर सकारात्मक कदम उठाना चाहिए।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow