पुलिस कर्मियों द्वारा अभद्रता के विरोध में हिंदू संगठनों ने कोतवाली में किया हनुमान चालीसा का पाठ
वीरेंद्र सिंह सेंगर
औरैया। जहां विगत वर्षों से जिले व आसपास क्षेत्र की जनता के लिए आस्था का केन्द्र महाकालेश्वर (देवकली) मन्दिर में पाई जाने वाली तमाम अनियमितताओं को लेकर हिन्दू संगठनों का आक्रोश उस समय फूट पड़ा जब यहां दर्शन करने आये संगठन के पदाधिकारियों से मन्दिर में उपस्थित लोगों व पुलिसकर्मियों द्वारा अभद्रता की गई। जिसके बाद दर्जनों की संख्या में आरएसएस, हिन्दू युवा वाहिनी, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के दर्जनों कार्यकर्ता पुलिस अधीक्षक के पास पहुंचे, लेकिन आरोप है कि यहां भी तैनात पुलिस कर्मियों के द्वारा उनके साथ अभद्र व्यवहार किया गया। फिर क्या था कार्यकर्ताओं का गुस्सा आसमान पर चढ़ गया और वह कोतवाली पहुंच गये। यहां उन्होंने कोतवाली का घेराव, विरोध प्रदर्शन व पुलिस विरोधी नारेबाजी शुरू कर दी। इसके बाद भी जब उन्हें पुलिस द्वारा किसी तरह का कोई आश्वासन या संतुष्टि नहीं दिलायी गई तो सभी कार्यकर्ता कोतवाली में ही जमींन पर बैठ गये और काफी देर तक हनुमान चालीसा का पाठ करने लगे।
मामले की संवेदनशीलता देखते हुए यहां आनन-फानन में पुलिस बल के साथ अपर पुलिस अधीक्षक दिगम्बर कुशवाहा व सीओ महेन्द्र नाथ पाण्डेय कोतवाली पहुंचे। लेकिन खबर लिखे जाने तक सभी हिन्दू संगठनों के कार्यकर्ता कार्रवाई की मांग पर अड़े रहे। जिसके बाद दोनों ही अधिकारी यहां से बेरंग लौट गये और कार्यकर्ताओं का हनुमान चालीसा पाठ चलता रहा।यहां बता दें कि तत्कालीन जिलाधिकारी सुनील कुमार वर्मा द्वारा लाखों लोगों की आस्था का केन्द्र महाकालेश्वर देवकली मंदिर एवं महामाया मंगला काली मन्दिर के लिए एक ट्रस्ट बनाया गया है। इसके बाद से ही इन मन्दिरों में खामियों एवं अनियमितताओं को लेकर धीरे-धीरे जन आक्रोश पनपने लगा। कई तरह के सवाल जनता जनार्दन द्वारा प्रशासन पर दागे जाने लगे जो कि लगातार रह-रह कर उछाल मारते रहते हैं। यहां नियमित रूप से पूजा करने के लिए पुजारी की व्यवस्था, पानी, प्रकाश व सुरक्षा से जुड़ी मूलभूत व्यवस्थाओं के अलावा यहां भारी मात्रा में आने वाले दान और नीलामी के माध्यम से मिली धनराशि को लेकर के लोगों में कई सवालों के साथ असंतोष की भावना पनपने लगी है। लोगों का कहना है कि यहां बड़ी मात्रा में दान तो आता ही है साथ ही पिछले सालों में नीलामी में जो धनराशि प्राप्त हुई है यदि वह यहां के विकास में लगा दी जाये तो व्यवस्थायें काफी बेहतर हो जायें। लेकिन प्रशासन इस ओर कतई ध्यान नहीं दे रहा है। हाल में ही हिन्दू संगठनों में यहां महंत को लेकर भी विरोध शुरू हुआ। जो कि आज सोमवार को संगठन के पदाधिकारियों के साथ मंदिर में उपस्थित पुलिसकर्मियों द्वारा अभद्रता किये जाने के बाद विद्रोह में बदल गया।
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