गोविन्द बोलो बोलो गोपाल जय जय, राधा रमण हरि गोविन्द जय जय से गूँज रहा अटरा कला  पूर्व कृषि मंत्री की याद में कराई जा रही राज घराने में श्री मद भागवत कथा भगवान भाव के भूखे होते हैं इसलिए ईश्वर के प्रति श्रद्धा भाव रखना बहुत जरूरी- पं अरविंद

Jun 8, 2023 - 09:44
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गोविन्द बोलो बोलो गोपाल जय जय, राधा रमण हरि गोविन्द जय जय से गूँज रहा अटरा कला   पूर्व कृषि मंत्री की याद में कराई जा रही राज घराने में श्री मद भागवत कथा  भगवान भाव के भूखे होते हैं इसलिए ईश्वर के प्रति श्रद्धा भाव रखना बहुत जरूरी- पं अरविंद

अमित गुप्ता संवाददाता

कालपी जालौन

कालपी जालौन/ भगवान भाव के भूखे होते हैं इसलिए भक्त में ईश्वर के प्रति श्रद्धा भाव होना बहुत जरूरी है उक्त विचार  पं अरविंद शास्त्री ने पूर्व कृषि मंत्री चौ. विष्णु पाल सिंह नन्नू राजा की गढ़ी में पिता जी की स्मृति में करवाई जा रही श्री मद भागवत कथा में कही! 
भगवता चार्य ने  भक्त के भगवान के प्रति भाव के कई प्रसंग सुनाए तो वहीं कर्म और धर्म के बारे में भी कई प्रसंग कहे उन्होंने कहा कि जिसका भाव अच्छा न हो तो उसे भगवान ढूढने की आवश्यकता पड़ती है वरना इंसान की आत्मा में भी भगवान का ही वास होता है उन्होंने कहा कि जो लोग नित्य प्रति भगवान का ध्यान करते हुये अपने कार्यों को करते हैं उनकी ईश्वर परीक्षाये चाहे जितनी कठोर ले लेकिन भक्त की हार नहीं होने देता क्यों कि ईश्वर भक्त के भाव के ही भूखे होते हैं और अपने भक्त के भरोसे को ईश्वर कभी नहीं तोड़ता आज भगवान श्री कृष्ण का जन्म भी हुआ बड़े ही श्रद्धा भाव से लोगों ने उनके जन्म की कथा का श्रवण किया इतना ही नहीं कालपी से नव निर्वाचित नगर पालिका अध्यक्ष अरविंद यादव अपने काफिले के साथ भगवान बांके बिहारी की झांकी लेकर पहुंचे रास्ते में श्रद्धालुओं द्वारा कई जगह स्वागत किया गया ज्यों ही भगवान बांके बिहारी राज दरबार में पहुंचे घर के मुखिया के नाते पूर्व कृषि मंत्री स्व. चौ. शंकर सिंह की पत्नी बेटी साहब  के नेतृत्व में चौ. विष्णु पाल सिंह नन्नू राजा ने अपनी धर्मपत्नी इच्छा राजे और परिजनों के साथ श्री बांके बिहारी जी की अगुवानी की और बांके बिहारी के उदघोष के साथ सभी लोग उनके पीछे पीछे कथा प्रांगण की और चल पड़े! 
 मालूम हो कि क्षेत्र में चौ. शंकर सिंह को आज भी  विकास पुरुष की संज्ञा दी जाती है और ठीक उन्ही के नक्शे कदम में चलने वाले चौ. विष्णु पाल सिंह नन्नू राजा ने कालपी क्षेत्र में जो स्थान बनाया है वह किसी से छिपा नहीं है इसी का उदाहरण है कि आज अटराकला में गाँव गिराँव के लोगों की भीड़ देखने को मिल ही रही है गाँव तो गाँव शहरी क्षेत्र से भी लोग वहाँ कथा का श्रवण करने पहुंच रहे हैं!

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