यमुना नदी के पुलों पर बैरिकेडिंग लगाने की योजना लटकी

कालपी (जालौन) यमुना नदी के पुलों के दोनों साइडों में लोहे के बैरिकेडिंग (जाल) स्थापित करने की योजना अटक जाने से दुर्घटनाओं की आशंकाएं बढ़ती जा रही हैं।
मालूम हो कि उत्तर एवं दक्षिण भारत को जोड़ने वाले हाइवे रोड में यमुना नदी कालपी में दो पुल बने हुए हैं। पहला पुल सन 1980 में बना, जबकि दूसरा पुल 2020 में बना था। दोनों पुलों की दोनों साइड में चार-चार फिट ऊंचाई की रेलिंग लगी हुई है। दरअसल दोनों पुल कालपी नगर की आबादी से सटे हुए हैं। इसलिए सुबह - शाम कई लोग मॉर्निंग वॉक में टहलने के लिए जाते हैं। बताया गया कि रेलिंग की ऊंचाई कम होने की वजह से मानसिक उलझनों से त्रस्त लोग पुल की रेलिंग फांदकर यमुना में छलांग लगाकर अपने जीवन लीला समाप्त करने का प्रयास करते हैं। इसी को दृष्टिगत रखते हुए विधायक विनोद चतुर्वेदी ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के उच्च अधिकारियों तथा जिला प्रशासन से यमुना पुल के दोनों साइड में रेलिंग के ऊपर बैरिकेडिंग लगाने का पत्र लिखा था।बताते हैं कि प्राधिकरण के द्वारा टालमटोल नीति अपनाई जा रही है। विधायक विनोद चतुर्वेदी ने कहा कि वैरिकेटिंग लगाने के लिए पुनः प्रयास तेज किए जाएंगे।
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