भारी बारिश को देख कर के प्रशासन अलर्ट मोड में
अमित गुप्ता
संवाददाता
कालपी/जालौन कालपी बाढ़ तथा भारी बारिश को मद्देनजर रखा कर स्थानीय प्रशासन तथा नदियों के तटवर्ती ग्रामों में रहने वाले नागरिक सतर्क हो गये है, जबकि यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से बहुत अधिक नीचे होने के कारण फिलहाल बाढ़ आने की संभावनाएं नहीं है।
केंद्रीय जल आयोग कालपी केंद्र के प्रभारी अधिकारी रूपेश कुमार ने बताया कि यमुना नदी के खतरे का निशान 108 मीटर पर दर्ज है, जब के मंगलवार को कालपी में यमुना नदी का जलस्तर 96.17 पर ही पहुंच पाया है इस सीजन का सबसे अधिक जल स्तर 96.40 मीटर तक ही पहुंचा है। उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश तथा राजस्थान में भारी बारिश होने की वजह से चंबल नदी उफान पर है, चंबल नदी का पानी यमुना में मिल जाने के बाद कालपी में जलस्तर आधा मीटर बढ़ सकता है। हरियाणा के हथिनीकुंड बांध से एक लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने तथा दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर जाने के सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि दिल्ली एवं कालपी से दूरी बहुत अधिक है दिल्ली से कालपी आते आते पानी का फैलाव बहुत अधिक हो जाता है इस वजह से हथिनी कुंड बांध के पानी का यमुना नदी कालपी की बाढ़ में असर नहीं पड़ेगा। इधर जिलाधिकारी चांदनी सिंह के निर्देश पर स्थानीय प्रशासन तथा राजस्व विभाग के द्वारा यमुना तथा बेतवा नदी के तटवर्ती ग्रामों में बाढ़ से निपटने के लिए पुख्ता प्रबंध कर लिए गए हैं।
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