जश्न चिरागा जुलूस तथा जुलूस-ए- मुहम्मदी का आयोजन 5 सितम्बर को

Aug 29, 2025 - 20:47
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जश्न चिरागा जुलूस तथा जुलूस-ए- मुहम्मदी का आयोजन 5 सितम्बर को

कालपी जालौन  इस्लाम धर्म के पैगम्बर मुहम्मद साहब की यौम ए पैदायश के अवसर पर 5 सितम्बर को धर्म नगरी कालपी शरीफ में भोर सुवह जश्न ए चिरागा जुलूस निकाला जायेगा जबकि दोपहर को जुलूस ए मुहम्मदी पूरी शानो शौकत से निकाला जायेगा।इसको लेकर प्रशासन तथा इंतजामिया के द्वारा व्यापक रूप से तैयारियां की जा रही है।

 मदरसा दारूल उलूम गौसिया मजीदिया के मैनेजर हाफिज इरशाद अशर्फी ने बताया कि इस्लामी साल का ये तीसरा महीना है जिसे रबी-उल्-अव्वल के नाम से जाना जाता है, इस महीने का चाँद नज़र आते ही रौनक बढ़ जाती है।

उन्होंने बताया कि इस्लाम के पैगम्बर आखिरी नबी की आमद(पैदाइश) जब इस दुनिया मैं हुई नही थी। तब दुनियादार लोग हराम,नाजायज कामों में अपनी जिंदगी गुज़राते थे। और जब अल्लाह ने अपने फ़ज़लों करम से इस दुनिया मे अपने मेहबूब नबी-ए-करीम सल्लल्लाहो अलैह वसल्लम को पैदा फरमाया तो हर तरफ इंसानियत और अमन का परचम बुलंद होने लगा लोगों के बीच से नाजायज़ व हराम काम दूर हुए और दीन की राह में लोग चलने लगे।

उसी पैगम्बर की आमद की खुशी में हर साल की तरह इस साल भी 5 सिंतबर को दिन में जुलूस-ए-मुहम्मदी निकाला जायगा आप लोग अपनी-अपनी मोहब्बतों को पेश करके हुज़ूर के उम्मती होने का सबूत दें और जुलूस में बड़े ही अदब व सलीके से नात व मनकबत दुरूद व सलाम पढ़ते हुए शामिल हों आपकी तरफ से किसी को कोई भी तकलीफ ना होने पाए इसका खास ख्याल रखा जाए।

दारुल उलूम गौसिया मजीदिया के प्रिंसिपल मुफ़्ती तारिक़ अख्तर ने बताया कि जब हमारे आका हुजूर पैगंबर-ए-आजम की इस दुनिया में आमद(जन्म हुआ) तो वह वक्त सुबह सादिक यानी भोर सवेरा था। अल्लाह के हुक़्म से मासूम फरिश्ते महबूबे खुदा की आमद पर दुरूद व सलाम पेश कर रहे थे तो उसी नबी की आमद की खुशी पर आज भी पूरी दुनिया में मुसलमान अपने आका का मिलाद मनाते हैं हर मोहल्ले गलियों और घरों को सजाया जाता है और धूमधाम से जुलूस निकालते हैं। तकिया मस्जिद के इमाम हाजी अब्दुल मुजीब ने बताया कि हम लोग अपने आका के आने की खुशी में खूब सजावट व रोशनी और लंगर करते हैं और जो वक्त उनकी आमद का है भोर सवेरे तो उसी वक्त पर सुबह 3 बजे जुलूसे चिरांगा भी निकलता है जो जुलैहठी की बड़ी मस्जिद से उठता है और फिर वही पर फजर की नमाज के वक्त आकर समाप्त होता है। त्योहारों को लेकर प्रशासन के द्वारा भी तैयारियां की गई है।

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