कार्तिक मास की अष्टमी पर श्रीकृष्ण ने गोपियों को रोका
कोंच(जालौन) सनातनी मान्यता के अनुसार कार्तिक मास बड़ा ही पवित्र महीना माना जाता है जिसमें प्रत्येक तीसरे बर्ष पढ़ने वाले कार्तिक मास को उत्तम मास माना गया है जिसमें महीने भर महिलाएं श्रद्धाभाव से भगवान श्रीकृष्ण की उपासना करतीं है और भोर पहर स्नान के बाद नियमानुसार प्रति दिन पूजा अर्चन करतीं है इसी को लेकर दिन सोमवार को अष्टमी के अवसर पर विद्वान पं. सुनील नारायण पाठक ने वताया कि अष्टमी के दिन गोपियाँ मक्खन बेचने जा रहीं थी तो भगवान श्रीकृष्ण ने गोपियों का रास्ता रोक लिया और उन्हें रत्न रूपी दही मक्खन को न बेचने की सीख दी बल्कि इस रत्न को बालकों को खिलाने के लिए कहा जिससे बालक हस्ठ पुष्ठ हो और देश और समाज के काम आ सकें इस दौरान पं. स्वयं कृष्ण की भूमिका का अभिनय करते हुए उन्होंने कहा कि(सुरेश सुरेश महेश दिनेश जाप निरन्तर गावें-नारद आस व्यास रटें पक्षी हारे कहूँ पार न पावे जैसी तमाम कृतियों को सुनाया इस अवसर पर कार्तिक स्नान करने बाली गोपी महिलाओं द्वारा श्रीकृष्ण का अभिनय कर रहे सुनील को दही मक्खन खिलाया इस दौरान गोपियों में माया देवी गंगोत्री सन्तोषी माया गुड्डी सहित तमाम महिलाये मौजूद रहीं।
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