घरों में मनायी गयी देवउठानी एकादशी
कोंच(जालौन) सनातनी परम्परा के अनुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष तिथि पर देव उठानी एकादशी ब्रत की मान्यता है क्योंकि इस दिन भगवान श्रीहरि विष्णु की विधिवत आराधना करने पर जीबन के कष्ट दूर हो जाते हैं यह भी मान्यता है कि इसी दिन भगवान श्रीहरि अपनी योग निद्रा से जाग जाते हैं इसी लिए इस एकादशी ब्रत को सर्बोत्तम माना गया है यह भी मान्यता है कि पृथ्बी और ब्रह्मांड के संरक्षक भगवान विष्णु चतुर्मास के बाद जागते है आज के ही दिन से सनातनी मुहूर्त शादी विवाह आदि शुभ कार्य प्रारंभ हो जाते हैं क्योंकि भगवान विष्णु ने भी तुलसी से बिबाह किया था इसी लिए इस दिन को तुलसी बिबाह के रूप में भी मनाया जाता है इसी परंपरा को निभाते हुए सनातियों ने अपने अपने घरों में भगवान श्रीहरि की पूजा अर्चना की।
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