होलिका दहन और धुलंडी के बाद फाग और रंगोत्सव का आज भी चल रहा दौर
वीरेंद्र सिंह सेंगर
पंचनद धाम औरैया:- जनपद की सरहद पर सुदूरवर्ती ग्राम जुहीखा में आज भी लोग हजारों-हजार वर्ष पुरानी परंपरा होलिका दहन, धुलंडी और रंगोत्सव के साथ साथ फागों का प्रचलन जारी रखे हुए हैं जिसमें सभी ग्रामवासी एकत्रित होकर रात्रि में होलिका दहन और सुबह बड़े ही धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ ढोलक और वाद्य यंत्रों के साथ फागों का आनंद लेते हुए सभी होलिका स्थल पर पहुंचकर पवित्र धूल लेने के लिए पहुंचने वाले पर धूल उड़ाते हैं जिसे धुलंडी कहते हैं तत्पश्चात सभी एकत्रित होकर हर दरवाजे पर परंपरागत रूप से ग्राम के सबसे बड़ा घराने से फागों के साथ रंगोत्सव मनाते हैं।
बताते चलें कि सभी ग्रामवासी एकत्रित होकर सभी दरवाजों पर रंगोत्सव के साथ फागों का आनंद लेते हैं जहां जगह जगह सभी दरवाजों पर ढोलक की थाप पर फाग गाकर आनंद लेते हैं हर दरवाजे पर गुलाल और रंग के साथ-साथ प्रचलित गुझिया खिलाते हैं जो इस क्षेत्र में ही नहीं बल्कि निकटवर्ती तीन जनपद जालौन, इटावा और औरैया में चर्चा कि विषय बना रहता है।
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