नदी में बालू खनन होने से यमुना के बेरौनक होने का मामला क्या चुनावी मुद्दा बनेगा?

Apr 4, 2024 - 18:17
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नदी में बालू खनन होने से यमुना के बेरौनक होने का मामला क्या चुनावी मुद्दा बनेगा?

अमित गुप्ता

कालपी (जालौन )

 कालपी/जालौन नदियों से लगातार होने रहे मनमाने तथा नियम विरुद्ध बालू खनन की वजह से कालपी क्षेत्र में यमुना मैया की हालत बेरौनक हो गई है। प्राचीन घाटों से नदी का पानी बहुत दूर चला गया है। नदी की जलधारा को प्राचीन घाटों तक लाने के लिए तमाम बार मांग उठाई जाती रही है।लेकिन कामयाबी नहीं मिल सकी। क्या लोकसभा का चुनाव नजदीक है यमुना नदी की स्वच्छता एवं निर्बलता का मुद्दा क्या चुनाव में उठाया जा सकता है। 

 विदित हो कि यमुना कालपी से होते हुए प्रयागराज में संगम में मिली हुई है। यमुना नदी के किनारे सुंदर एवं प्राचीन घाट पूर्वजों के द्वारा निर्मित कराए गए थे । जिसमें किला घाट, बिहारी घाट, पीला घाट, बाई घाट, ढोशेश्वर मंदिर घाट बने हुए हैं। इन घाटों में सुबह से लोग पहुंचकर यमुना मैया में श्रद्धा की डुबकी लगाते थे। यमुना नदी को एक श्रद्धा का केंद्र भी माना जाता है। डुबकी लगाकर तमाम श्रद्धालु यमुना मैया की जयकारो का नारो के साथ पूजा अर्चना भी करते रहे हैं। लेकिन अब यमुना नदी में सुंदरता नहीं दिखाई देती है। यमुना नदी कालपी में दो जनपदों के बीच से होकर बहती है । जिसमें एक ओर जनपद जालौन की कालपी तहसील है तो दूसरी ओर कानपुर देहात जनपद की भोगनीपुर के ग्रामों से होकर यमुना नदी निकलती है। शासन की नीतियों के तहत यमुना में बालू खनन के पट्टे आवंटित कर दिए गए। दोनों जनपदों में धुआंधार तरीके से यमुना नदी में बालू का खनन का कार्य चल रहा है। नियम विरुद्ध खनन का कार्य होने की वजह से यमुना नदी की जलधारा प्राचीन घाटों से बहुत दूर पहुंच गई है। तथा गंदगी का आलम पैदा हो गया है। यमुना नदी को घाटों तक लाने के लिए कालपी के जागरूक नागरिकों के द्वारा तमाम बार मामला उठाया गया। लेकिन कई सरकारी बदल गई। लेकिन इस दिशा में कोई कार्य नहीं हो सका है। बिहारी घाट के सुंदर स्वरूप बनाए रखने के लिए दो सामाजिक संस्थाओं रामू क्लब तथा घुमंतू हसंतू क्लब के कार्यकर्ताओं के द्वारा रोजाना सुबह से टहलने के साथ ही श्रमदान कराया जाता है। होली,दीपावली,मकर संक्रांति आदि पर्वों पर नगर पालिका परिषद के द्वारा सफाई की जाती है। बार-बार मामला उठाने के बावजूद भी यमुना नदी को घाटों तक लाने के लिए शासन प्रशासन के द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई। समाजसेवी अशोक बाजपेई ने कालपी विकास समिति का गठन करके जब मुद्दा उठाया तब कालपी साइड में रिटर्निंग वाल का निर्माण का कार्य शुरू किया गया। यमुना नदी को धर्म नगरी कालपी के क्षेत्र में सुन्दर स्वरूप दिलाने के लिये हमारे आगामी दिनों लोकसभा चुनाव में चुनें जाने वाले भावी माननीयों के समक्ष मुद्दा नगर के वाशिंदे उठा सकते हैं।

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