बाढ़ में ढह गए लोगों के घर,अब तो सरकारी मदद की ही आस
कोंच (जालौन) -मलंगा नाले में आई बाढ़ के कारण नगर के चार मोहल्लों में भरा पानी अब धीरे धीरे कम हो रहा है हालांकि अभी भी उक्त इलाकों में रह रहे 200 से अधिक परिवारों के घरों के बाहर पानी भरा हुआ है यह परिवार प्रशासन द्वारा दिए जा रहे खाने पर निर्भर है इनमें से 12 परिवारों के कच्चे मकान क्षतिग्रस्त हुए है जो अस्थाई टीन टप्पर डालकर बाढ़ के पानी का सूखने के इंतजार कर रहे है।
नगर के मोहल्ला गोखले में स्थित मलिन बस्ती में अभी भी बाढ़ का पानी भरा हुआ है यहां पर दया बरार का कच्चा खपरैल घर गिर गया गुलाब रानी की घर की कच्ची दिवार व छप्पर ढह गया कमला देवी विनोद कच्च मकान ढह गया का पप्पन बरार महेंद्र कुमार का घर भी मलंगा नाले में आई बाढ़ से ढह गया इसी प्रकार आराजी लेन एवं गिरवर नगर इलाके में रहने बाले गरीब जहीर शाह मुन्ना शाह शहबाज के कच्चे मकान बाढ़ के पानी में क्षतिग्रस्त हो गए मोहल्ला मालवीय नगर गांधी नगर इलाको में भी कच्चे मकान गिरने से लोग परेशान है इन मकानों में रह रहे परिवारों के घर गृहस्थी की पानी से नष्ट हो गयी अब यह परिवार पूरी तरह से प्रशासन द्वारा दी जा रही राहत सामग्री पर निर्भर है घरों के बाहर अभी भी पानी भरा हुआ है जिस कारण वह अपने काम धंधे पर भी नही जा पा रहे है हालांकि बीते दो दिनों में पानी का स्तर कुछ कम हुआ है अब जो पानी भरा है वह उससे संक्रामक रोगों का पनपने का खतरा बढ़ने लगा है हालांकि प्रशासन ने पीड़ित परिवारों को हर सम्भव मदद देने का आश्वासन दिया है बीते दिनों जनपद के प्रभारी प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री संजय सिंह गंगवार ने बाढ़ ग्रस्त इलाको का दौरा भी किया था और दावा भी किया था कि बाढ़ से प्रभावित परिवारों को कोई कमी नही होने दी जाएगी हालांकि पीड़ित परिवारों के सदस्यों ने बताया कि उन्हें भी आर्थिक सहायता के रूप में कोई धनराशि नही मिली है अलबत्ता भोजन के पैकेट अवश्य दिए जा रहे है।
""एसडीएम ज्योति सिंह ने बताया कि बाढ़ से जिन परिवारों के मकान क्षतिग्रस्त हुए है उनका सर्वे कराया जा रहा है और जल्द ही उन्हें उचित मुआवजा भी दिया जाएगा।
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