धन-धान्य की कामना के साथ घर-घर पूजे गए गोधन

Nov 2, 2024 - 17:14
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धन-धान्य की कामना के साथ घर-घर पूजे गए गोधन

कोंच (जालौन) बुंदेलखंड और ब्रज क्षेत्र का प्रमुख त्यौहार गोवर्धन पूजा अर्थात् गोधन पूजा का पर्व यहां श्रद्घाभाव के साथ मनाया गया और उनसे धन धान्य की कामना की गई कृषक परिवारों में इस पूजा का खास महत्व है गोवर्धन नाथ को वस्तुत: प्रकृति का स्वरूप मानकर उनकी पूजा की जाती है लोगों ने घरों के आंगन में गोबर से गोवर्धन की प्रतिकृति बनाकर परिवार के सभी लोगों ने एक साथ बैठ कर पूजा की

भगवान गोवर्धन जिन्हें वस्तुत: भगवान कृष्ण का ही स्वरूप माना गया है की विधि विधान से अन्नकूट का भोग लगा कर पूजा कर परिक्रमा की दिन शनिवार को नगर व ग्रामीण इलाकों में बड़े ही श्रद्घाभाव और परंपरागत उत्साह के साथ गोधन पूजा संपन्न हुई घरों के आंगन में गोबर के गोधन पसारे गए और उन्हें अच्छी प्रकार से सुसज्जित किया गया इसके बाद घर के मुखिया ने परिवार के सभी सदस्यों के साथ मिल कर विधि विधान के साथ उनका पूजन किया परिवार के सभी सदस्यों ने मिल कर गिर्राजजी महाराज की परिक्रमा की और उनसे प्रार्थना की कि उनके घरों में सदा सुख शांति रहे और अन्न के भंडार भरे रहें भगवान गोवर्धन को अन्नकूट का भोग निवेदित किया गया गोवर्धन पर्वत की इस प्रतिकृति पर गोबर से पहाड़, वृक्ष, नदियां, वन आदि बनाये गए माना जाता है कि यह प्राकृतिक धरोहरें हमें जीविकोपार्जन के साधन उपलब्ध कराती हैं विद्वानों का मानना है कि द्वापर में भगवान कृष्ण ने ब्रजवासियों को देवराज इंद्र की पूजा करने के बजाय उस गोवर्धन पर्वत की पूजा करने के लिए प्रेरित किया था जो प्राणी मात्र को जीवन चलाने के लिए साल भर अन्न, ईंधन और अन्य जरूरी चीजें उपलब्ध कराता है तभी से गोधन पूजा का प्रचलन प्रारंभ हुआ।

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