श्रीराम चरित्र मानस कथा के तीसरे दिन शिव-पार्वती विवाह की दिव्य कथा का भव्य आयोजन
संवाददाता रोहित कुमार गुप्ता
उतरौला (बलरामपुर) बाबा श्री दुःखहरण नाथ मंदिर परिसर में श्रीराम चरित्र मानस कथा के तीसरे दिन का आयोजन अत्यंत धूमधाम से किया गया। महन्थ मयंक गिरि जी महाराज, जिला पंचायत सदस्य राम दयाल यादव, और मुख्य यजमान सुरेश आर्य ने दीप प्रज्ज्वलित कर कथा का शुभारंभ किया। अयोध्या धाम के नया घाट वशिष्ठ भवन से पधारे संत सर्वेश जी महाराज ने इस धार्मिक अनुष्ठान की शुरुआत राम भजन से की, जिससे समस्त श्रोताओं का मन भक्तिरस में डूब गया।
संत सर्वेश जी महाराज ने अपने सुमधुर वचनों से श्रोताओं को माता पार्वती के जन्म और शिव-पार्वती विवाह की दिव्य कथा सुनाई। उन्होंने महाराज हिमाचल और महारानी मैना देवी के यहां जन्मी माता पार्वती के जीवन का वर्णन किया। इसके बाद उन्होंने कामदेव की कथा सुनाई, जिसमें इंद्र देव द्वारा भगवान शंकर का ध्यान भंग करने के लिए कामदेव को भेजा गया। कामदेव, अपनी पत्नी रति और पुत्र बसंत के साथ भोलेनाथ के ध्यान को भंग करने के लिए फूलों के बाण चलाते हैं। तीसरे बाण के प्रभाव से भगवान शंकर क्रोधित होकर अपने तीसरे नेत्र से कामदेव को भस्म कर देते हैं। इसके बाद, रति के विनती करने पर शंकर भगवान उसे आश्वासन देते हैं कि कामदेव का पुनर्जन्म भगवान विष्णु के अवतार श्री कृष्ण के पुत्र प्रद्युम्न के रूप में होगा।
शिव-पार्वती विवाह की कथा सुनाते हुए संत महाराज ने शिव की बारात और विवाह का सुंदर वर्णन किया। कथा के बीच में, संत जी ने श्रोताओं से आग्रह किया कि वे अपने नगर को स्वच्छ रखें और स्वच्छता अभियान में सक्रिय भागीदारी निभाएं। साथ ही, दहेज प्रथा के विरुद्ध अपने विचार रखते हुए उन्होंने कहा कि न तो दहेज लेना चाहिए और न ही देना चाहिए।
श्रीराम चरित्र मानस कथा के तीसरे दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। मुख्य अतिथियों में बाबा श्री दुःखहरण नाथ मंदिर के पुजारी त्रिपुरारी गिरि उर्फ शानू जी,आदर्श नगर पालिका परिषद उतरौला अध्यक्ष प्रतिनिधि अनूप चन्द्र गुप्ता, अर्पित गुप्ता, मनोज कसेरा, रूपेश गुप्ता, आलोक गुप्ता, नरेंद्र पटवा, संतोष कुमार, श्रवण सोनी, दीपक चौधरी, बबलू गुप्ता, विशाल गुप्ता, नितिन पंडित, शिवम कौशल, और आर्यन गुप्ता सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित रहे।
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