त्रेता युग की शूर्पणखा ही द्वापर में कुब्जा बनी -- श्री श्रीं महन्त स्वामी उदितानन्द

Dec 9, 2024 - 07:59
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त्रेता युग की शूर्पणखा ही द्वापर में कुब्जा बनी -- श्री श्रीं महन्त स्वामी उदितानन्द

  के 0 के श्रीवास्तव ब्यूरो प्रमुख जालौन जालौन 

एट जालौन  प्राप्त जानकारी के अनुसार एट थाना क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम सभा धमसेनी मे श्री रामेश्वर धाम में विगत दिनों से श्रीमद् भागवत महापुराण कथा का आयोजन सुंदर संगीत मय राष्ट्रीय कथा वाचक श्री श्री महंत स्वामी उदितानन्द जी महाराज दंडी आश्रम नवाबगंज कानपुर उत्तर प्रदेश के द्वारा किया जा रहा है मुख्य परीक्षित श्री मती राजेश्वरी देवी पत्नी रामकिशोर द्विवेदी इस सप्ताहिक महा ज्ञान यज्ञ मे परीक्षित रहे विख्यात भागवताचार्य पं श्री श्री उदितानन्द जी महाराज ने श्रीमद् भागवत महापुराण कथा के माध्यम से कथा के छठवें दिन आज शनिवार को महारास भगवान श्री कृष्ण का वृंदावन से मथुरा गमन एवं कुब्जा के पूर्व जन्म की कथा धोबी के पूर्व जन्म की कथा कंस वध जरासंध का आक्रमण बलराम जी का विवाह और भगवान श्री कृष्ण के साथ श्रीं रुक्मणी ज़ी विवाह की सुंदर सुंदर झलकियों मे कथा का मार्मिक ढंग से वर्णन किया श्री श्रीं महंत जी ने बताया जीवात्मा परमात्मा का जब पवित्र मन से मिलन हो जाए उसी को महाराश कहते हैं भगवान प्रेम के बंधन में बधे है जब गोपिया भगवान को प्रेम से बुलाती हैं तो भगवान उनकी मनोकामना पूरी करते हैं जब गोपियों को अभिमान हो जाता है तो उनको छोड़कर भगवान चले जाते हैं कथा के दौरान कथा व्यास पंडित श्रीश्रीं कथा शास्त्री ने कहा त्रेता युग की सूर्पनखा ही द्वापर में आकर के कुब्जा बनी नाक कान काटने के बाद काजल गिरी नामक पर्वत पर जाकर के श्री राम जी का और रावण का पूरा युद्ध देखा रावण वध के बाद भगवान के आदेश से पुष्कर क्षेत्र में जाकर के ब्रह्मा जी की तपस्या करके भगवान को पति रूप में मांगा तो ब्रह्मा जी ने कहा अगले द्वापर में भगवान जब श्री कृष्ण बनके आएंगे तब तुम्हारी मनोकामना पूरी होगी कंस का वध करके भगवान ने समस्त संसार को कंस के अत्याचार से मुक्ति दिलाई और अपने माता-पिता को जेल के बंधन से मुक्त कराया उग्रसेन को दुवारा राजगद्दी पर बैठाया और कथा व्यास ने कथा के माध्यम से समाज को संदेश दिया जो भी अधर्म के रास्ते पर चलता है उसका अंत जल्दी ही निश्चित होता है 

खतरों के अंत में श्रीं कृष्ण एवं रुक्मणी ज़ी के विवाह का सुन्दर व बड़े ही मार्मिक ढंग से वर्णन किया श्री व्यास जी ने बताया जो भी भगवान के विवाह की कथा श्रवण करता है उसके जीवन में मंगल ही मंगल होता है कथा परीक्षित ने श्रद्धा भाव से आरती क़र प्रसाद वितरण किया इस मौके पर कथा व्यास पं श्री श्रीं महन्त उदितानन्द जी महाराज दंडी आश्रम नवाबगंज कानपुर एवं कथा परीक्षित श्रीमती राजेश्वरी देवी पत्नी रामकिशोर द्विवेदी ब श्याम किशोर चंद्रभान द्विवेदी मथुरा महाराज आनंद पुजारी मवई श्रीं राम गुप्ता एट ग्राम प्रधान श्रीधर पांचाल व निकटवर्ती ग्राम मवई, एट, बिरासनी हरदआ, केलरा गुमावली जखोली धुरट आदि ग्रामों के श्रोता कथा प्रेमी मौजूद रहे

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