लेखपाल हर्ष राजपूत द्वारा पंचायत सहायक महिला से छेड़छाड़ का आरोप

उरई (जालौन) रामपुरा थाना क्षेत्र के ग्राम सिद्धपुरा में पंचायत सहायक के पद पर कार्यरत पूनम देवी ने लेखपाल हर्ष राजपूत पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पूनम देवी ने सैकड़ों समर्थकों के साथ जिलाधिकारी को दिए अपने शिकायती पत्र में कहा है कि लेखपाल हर्ष राजपूत ने उनके साथ अश्लील बातें की, अभद्र मैसेज भेजे और छेड़छाड़ की। इसके अलावा, विरोध करने पर जातिसूचक गालियां दीं और प्रशासन में अपनी पहुंच का दबाव बनाकर उनके पति को फर्जी मुकदमे में जेल भिजवाने की धमकी दी।पूनम देवी के अनुसार, हर्ष राजपूत ने उनके मोबाइल नंबर का दुरुपयोग करते हुए व्हाट्सएप पर अश्लील मैसेज भेजे और दोस्ती करने का दबाव डाला। जब पूनम ने इसका विरोध किया और अपने पति दिनेश कुमार को इसकी जानकारी दी, तो हर्ष राजपूत ने रंजिश रखना शुरू कर दिया। 22 अगस्त 2025 को, जब पूनम सचिवालय से घर जा रही थीं, तब हर्ष राजपूत ने कथित तौर पर उनका हाथ पकड़कर छेड़छाड़ की और जातिसूचक गालियां दीं। पूनम के पति और अन्य ग्रामीणों के मौके पर पहुंचने पर हर्ष राजपूत और उनके साथी लेखपाल राहुल सिंह ने कथित तौर पर मारपीट की। पूनम ने थाना रामपुरा में शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की, लेकिन आरोप है कि हर्ष राजपूत के प्रशासनिक प्रभाव के कारण उनकी रिपोर्ट नहीं लिखी गई। इसके उलट, हर्ष राजपूत और उनके सहयोगी लेखपाल राहुल सिंह की शिकायत पर पूनम के पति दिनेश कुमार के खिलाफ फर्जी मुकदमा दर्ज कर लिया गया। थाना रामपुरा पुलिस ने कथित तौर पर फर्जी बरामदगी दिखाकर दिनेश को एक तमंचे के साथ गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पूनम का आरोप है कि उनकी शिकायत पर कोई सुनवाई नहीं हुई और उन्हें थाने से भगा दिया गया।
पूनम ने अपने शिकायती पत्र में जिला प्रशासन से निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने यह भी आशंका जताई है कि हर्ष राजपूत दबंग प्रवृत्ति का व्यक्ति है और उनके परिवार के साथ कोई अप्रिय घटना कर सकता है। इस मामले में थाना प्रभारी रजत कुमार सिंह ने बताया कि लेखपालों की शिकायत पर मुकदमा दर्ज किया गया है, लेकिन पूनम देवी की ओर से कोई लिखित शिकायत अभी तक प्राप्त नहीं हुई है। वहीं, एसडीएम माधौगढ़ राकेश कुमार सोनी ने मामले की गंभीरता को स्वीकार करते हुए कहा कि दोनों पक्षों के आरोपों की जांच की जाएगी और साक्ष्य मिलने पर उचित कार्रवाई होगी।यह मामला जालौन जिले में प्रशासनिक दबाव और महिलाओं के खिलाफ उत्पीड़न के गंभीर सवाल उठा रहा है। स्थानीय लोग इस प्रकरण में निष्पक्ष जांच और न्याय की मांग कर रहे हैं।
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