बीआरसी में आयोजित 5 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ समापन
कालपी ( जालौन ) प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता सुधार के उद्देश्य से कालपी ब्लॉक संसाधन केंद्र में आयोजित एफएलएन एवं एनसीईआरटी का पाँच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन हो गया। यह प्रशिक्षण 18 अगस्त से शुरू हुआ था और 16 सितंबर तक चार चरणों में चला। प्रशिक्षण कार्यक्रम में 352 शिक्षकों और शिक्षामित्रों ने शामिल होकर नई शिक्षण तकनीकों की जानकारी हासिल की।
समापन कार्यक्रम में जानकारियां देते हुए खंड शिक्षा अधिकारी रंगनाथ चौधरी ने बताया कि प्रशिक्षण में खास तौर पर कक्षा 1 से 3 तक की हिंदी, गणित और अंग्रेज़ी विषय की एफएलएन एवं एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तकों पर आधारित शिक्षण पद्धतियों का अभ्यास कराया गया। इसका उद्देश्य बच्चों को शिक्षा से जोड़ना और कक्षा-कक्ष के वातावरण को अधिक रोचक बनाना था।प्रशिक्षण को सुव्यवस्थित ढंग से संचालित करने के लिए प्रशिक्षण को चार चरणों में विभाजित किया गया। प्रत्येक चरण में 50-50 प्रशिक्षुओं का बैच बनाया गया। इस तरह 352 शिक्षकों एवं शिक्षामित्रों ने पाँच दिनों में प्रशिक्षण प्राप्त किया। प्राथमिक स्तर के कक्षा 1 से 5 तक पढ़ाने वाले सभी शिक्षकों को इसमें शामिल किया गया।पाँच दिनों तक चले इस प्रशिक्षण में शिक्षकों को सैद्धांतिक जानकारी के साथ-साथ व्यवहारिक गतिविधियों से भी जोड़ा गया।हिदी में बच्चों को पढ़ने-लिखने के कौशल विकसित करने के नये तरीके बताए गए।गणित में खेल-खेल में गिनती, जोड़-घटाव और पहाड़े याद कराने की तकनीकें सिखाई गईं।अंग्रेज़ी में उच्चारण, शब्दावली और छोटे संवादों को रोचक ढंग से प्रस्तुत करने पर जोर दिया गया।
इस अवसर पर प्रशिक्षकों ने अध्यापकों को समूह गतिविधियों, रोल प्ले, शिक्षण सामग्री के रचनात्मक उपयोग और कक्षा में बच्चों को सक्रिय भागीदारी देने की पद्धतियों से परिचित कराया। प्रशिक्षण के समापन अवसर पर खंड शिक्षा अधिकारी रंगनाथ चौधरी ने कहा कि विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तभी सम्भव है, जब शिक्षक प्रशिक्षण से प्राप्त अनुभवों को व्यवहार में लाएँ। यह प्रशिक्षण केवल जानकारी पाने के लिए नहीं था, बल्कि इसे बच्चों की सीखने की प्रक्रिया में लागू करना ही इसकी सफलता होगी। प्राथमिक स्तर पर बच्चों की नींव मजबूत होना आवश्यक है और यह तभी होगा जब शिक्षक कक्षा में नये तरीकों का प्रयोग करेंगे।”उन्होंने कहा कि शिक्षकों का योगदान समाज निर्माण में सबसे अहम है। यदि प्राथमिक शिक्षा मजबूत होगी तो आगे की शिक्षा स्वतः सुदृढ़ हो जाएगी।इस प्रशिक्षण में पाँच संदर्भदाताओं ने अहम भूमिका निभाई। इनमें मनीष राज एआरपी, हरिओम द्विवेदी एआरपी, रचना यादव, दीपेंद्र कुमार और संदीप सिंह शामिल रहे। इन सभी ने शिक्षकों को विषयवार प्रशिक्षण दिया। एआरपी मनीष राज ने हिंदी और एआरपी हरिओम द्विवेदी ने गणित आधारित शिक्षण तकनीकें साझा कीं। रचना यादव ने अंग्रेजी विषय को खेल-खेल में पढ़ाने की विधि समझाई। दीपेंद्र कुमार और संदीप सिंह ने आईसीटी के रोचक प्रयोगों को प्रस्तुत किया। सभी संदर्भदाताओं ने अपने अनुभवों और व्यावहारिक गतिविधियों से यह बताया कि कैसे बच्चों को विषयों से जोड़ा जा सकता है और शिक्षा को तनावमुक्त बनाया जा सकता है। इस प्रशिक्षण से उन्हें नई सोच और दिशा मिली है। अब वे कक्षा में केवल किताब पढ़ाने तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि बच्चों को व्यावहारिक गतिविधियों, खेल और समूह कार्यों के माध्यम से सीखने का अवसर देंगे। शिक्षकों के मुताबिक गणित जैसे विषय, जिन्हें बच्चे कठिन समझते हैं, अब खेल और गतिविधियों के जरिए सरल बनाए जा सकते हैं। वहीं, अंग्रेज़ी विषय को भी संवादात्मक और रोचक तरीके से प्रस्तुत किया जा सकता है।
फोटो - बीआरसी भवन में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में शिक्षा धिकारी के साथ शिक्षक
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