भाई बहन के प्रेम एवं त्याग का प्रतीक है भैया दूज पर्व

कालपी (जालौन) गुरुवार को दीपावली के अंतिम दिन भाई दूज का पर्व कालपी तथा आसपास के इलाकों में परंपरागत ढंग से धूमधाम पूर्वक मनाया गया। तथा भारी तादाद में श्रद्धालुओ ने यमुना नदी में आस्था की डुबकी लगाकर पूजा अर्चना की।
उल्लेखनीय हो की भैया दूज जिसे यम द्वितीया के रूप में भी जाना जाता है। दीपावली के अंतिम दिन गुरुवार की सुबह से ही यमुना नदी के प्राचीन घाट पीला घाट, बिहारी जी घाट, धोढेश्वर मंदिर घाटों में भी दूर-दूर से श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला शुरू हुआ। यमुना नदी में श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाकर यमुना मैया की पूजा अर्चना की।
दीपावली के अंतिम दिन मनाए जाने वाले भैया दूज पर्व भाई बहन के प्रेम त्याग तथा समर्पण का प्रतीक माना जाता है। पुराणों में इस पर्व का उल्लेख मिलता है। इस पर्व का शास्त्रीय नाम यम द्वितीया है। सुबह से ही अपने-अपने घरों में बहनों ने अपने-अपने भाइयों के माथे में तिलक किया तथा भाई-बहन की रक्षा का वचन दिया गया। जगह-जगह पूजा अर्चना के कार्यक्रम भी संपन्न हुए।
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