जानलेवा हमले के मामले को दबाने की कोशिश कर रही कालपी पुलिस
कालपी। बीती रात कालपी कस्बा के राजघाट मोहल्ले में पंकज रावत को कुछ लोगों ने जान से मारने का प्रयास किया और मरणासन्न की हालत में छोड़ कर भाग गए। सूचना मिलने पर घर वाले अर्ध बेहोशी की हालत में लेकर कोतवाली कालपी पहुंचे। जहाँ घायल की पत्नी किरन और उसके रोते बिलखते परिजनों ने बताया कि दिनांक 10/11/2025 को गांधी पुत्र असलम निवासी अदल सराय कालपी के घर में पंकज रावत पुत्र श्री किशन रावत निवासी अदल सराय कालपी ने शिकायत की थी कि गाँधी को समझा दिया जाये और वह पंकज की बेटियों को मंदिर जाते आते वक्त पीछा न किया करे। बस इसी बात से खुन्नस खाकर 10/11/2025 की शाम को ही गाँधी और उसकी बहिन सिमरन ने पंकज के घर जाकर मारपीट की जिसकी शिकायत पुलिस से की गई परंतु पुलिस ने तब भी कुछ नहीं किया 112 भी डायल किया गया। पुलिस रोज आज कल आज कल करती रही। इतना ही नहीं गाँधी व उसका भाई दानिश रोज पंकज को जान से मारने की धमकी देता रहा बेटियों को भो डराता धमकाता रहा। कल दिनांक 21/11/2025 को सुबह दानिश ने पंकज को जान से मारने की धमकी दी थी और गाँधी व दानिश द्वारा दी गई धमकी शाम सात बजे के लगभग सच हो गई। पुलिस बार बार मन गढंत कहानी गढ़ कर पीड़ित को हमलावरों के सामने डरा धमका कर मामले को बदलाने की कोशिश में जुटी है बड़ी महत्व पूर्ण बात तो यह है कि जिनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई प्रार्थना पत्र दिया गया पुलिस उनके साथ ही पीड़ित के घर जा रही और मामले को रफा दफा करने की कोशिश कर रही आखिर अभी घायल इलाज करा कर घर भी नही लौटा और पुलिस है कि मध्यस्थता करने में जुट गई आखिर वो चोटे, वो घाव और पीड़ित परिवार की परेशानियां उसका कोई मोल नहीं कहने को भाजपा सरकार और पूजा पाठ करने जाने आने में भी यदि बेटियां सुरक्षित नहीं तो फिर आखिर क्या संदेश देना चाहती है कालपी पुलिस। क्यों कि पुलिस का मान ना है कि गाँधी घर पर नहीं था तो आखिर कहाँ था घटना सा त बजे शाम की है तो वह सात बजे शाम कहाँ था फोन तो कोई भी साजिश के पहले कही भी रख सकता है। पुलिस आखिर आरोपी पक्ष की क्यों बजा रही। क्यों नहीं नामजद आरोपियों को पकड़ रही।
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