बारिश में छीना आशियाना अब पन्नी ही सहारा
बारिश के जिले में कई लोगों के घर तब
अमित गुप्ता
संवाददाता
कालपी/ जालौन आटा लुट गया जिंदगी के सफर में जो कुछ था पास अपने मकान तक नहीं जुहूर नजर की है पत्तियां कालपी तहसील के परासन गांव निवासी मूलचंद अहिरवार पर बिल्कुल सटीक बैठती है लगातार बरसात होने से मूलचंद का कच्चा मकान गिर चुका है इसके बाद आप पन्नी डालकर जिंदगी काट रहे हैं पीएम आवास के पात्र होने के बाद भी उन्हें पक्का मकान नसीब ना हुआ जबकि प्रधान से लेकर बड़े अधिकारियों तक गुहार लगा चुके हैं कार्ड जो में हर पत्र को आवास मिलने का दावा करने वाले कभी जमीनी हकीकत से बड़े अधिकारियों को रूबरू नहीं होने देते हैं जिसका कामयाजा गरीब का असहाय लोगों को भरना पड़ रहा है उनके पास तो उनकी भी हिम्मत नहीं है कि दम तक गुहार लगा सके ।
प्रशासन के मूलचंद अहिरवार दिव्यांग है अपनी पत्नी के साथ कच्चे मकान में रहकर बसर कर रहे हैं जमीन के नाम पर सिर्फ सरकारी पटटा है जिले में हुई मूसा धार बारिश ने मूलचंद का आशियाना छीन लिया पत्नी की छठ के नीचे जिंदगी काट रहे हैं मूलचंद ने बताया है कि प्रधान से लेकर ब्लॉक स्तर तक उन्होंने आवास की मांग की थी लेकिन अभी तक कोई सुनवाई न हुई है जबकि गांव में कई पत्र को आवास मिलने में डर नहीं हुई पिछली चार हुई बारिश से ज्यादा इस बात दिक्कतों का सामना करना पड़ा है
मूलचंद कहना है कि पन्नी की छत के नीचे सोने के बाद जब बारिश हो तो सबसे ज्यादा परेशानी रात में होती है भीगते हुए रात बीत जाती है लेकिन टपकती हर बूंद गरीबों का एहसास दिलाता है मूलचंद का कहना है कि अगरवह दिव्यांग ना होता तो अपनी मेहनत व लगन से पैसा कंकर मकान बनवा लेते महीने में जो राशन मिलता है उसे पूरे महीने गुजर चलता है 12 से ज्यादा परेशानी होती है
मूलचंद का एक लड़का जिसकी शादी हो चुकी है माता-पिता इस हाल में छोड़कर मैं अपनी ससुराल में रहकरमजदूरी करता है कभी कबार हाल-चाल देने गांव आता है
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