ब्राह्मण समाज को आत्म चिंतन करने की जरूरत.... संतोष दुबे
अयोध्या समाज का दर्पण माने जाने वाले प्रबुद्ध वर्ग ब्राह्मण समाज में अब भटकाव का दौर शुरू हुआ है। जिसके लिए ब्राम्हणों को आत्म चिंतन की जरूरत है। कभी ब्राम्हण वन्धुओं के ज्ञान का दुनियाँ लोहा मानती थी। परन्तु वर्तमान परिवेश में ब्राह्मण समाज के लोग दूसरों के पीछे चलने को मजबूर है। उक्त उद्गार बीकापुर तहसील क्षेत्र के बीठल पुर गाँव में शीतला माता कल्याण सेवा समिति के बैनर तले आयोजित ब्राह्मण सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि सन्तोष दूबे ने व्यक्त किया। कहा कि ब्राह्मण समाज के लोगों को आपसी मतभेद भूल कर एक होने की जरूरत है। उपेन्द्र तिवारी और दीपू पाण्डेय ने कहा कि ब्राह्मण एक विचार धारा है। मानव रहे या न रहे सुविचार अमिट रहते हैं। आने वाली पीढ़ी इससे शिक्षा लेकर आगे बढ़ती हैं। ब्राह्मण सम्मेलन को उदयभान तिवारी, सीता शरण पाण्डेय, मुकेश तिवारी, सुड्डू तिवारी, नान्हूं शर्मा, राजन शुक्ल, मनोज उपाध्याय, अरविंद पाण्डेय, मनोज पाण्डेय, प्रभाकर शुक्ल, प्रदीप पाण्डेय, सहित सहित अन्य कई लोगों ने सम्बोधित किया। कार्यक्रम में काफी संख्या में ब्राह्मण समाज से जुड़े लोगों द्वारा हिस्सा लिया गया। समारोह के आयोजक पूर्व प्रधान अनिल मिश्रा व शीतला माता कल्याण सेवा समिति के अध्यक्ष प्रदीप मिश्रा ने आगन्तुकों का आभार व्यक्त किया। संचालन संतोष तिवारी ने किया।
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