चैत्र नवरात्रि की सप्तमी पर जवारों की झांकियों के दर्शन करने को उमड़े श्रद्धालु
कोंच(जालौन) चैत्र नवरात्रि का सप्तम दिन माँ कालरात्रि के रूप में जाना जाता है यह भयावह उग्र रूप सम्पूर्ण श्रष्टि में इस रूप से अधिक भयावह और कोई दूसरा नहीं है किंतु तब भी यह रूप मातृत्व को समर्पित है देवी माता यह रूप ज्ञान और वैराग्य प्राप्त करता है इसी आस्था के चलते दिन सोमवार को माता के अनुयायियों ने बोए हुए जवारों की भव्य झांकी सजाते हुए माता कालरात्रि के स्वरूप के दर्शन किये और उनकी पूजा अर्चना में अपने को समर्पित करते हुए भजन व अचरियाँ गाकर उन्हें प्रसन्न किया यह सिलसिला देर रात्रि तक चलता रहा और माता के इस स्वरूप के दर्शन के लिए भक्तों का तांता लगा रहा वहीं सप्तमी पर भोर पहर से ही माता सिंह वाहिनी प्राचीन बड़ी माता मंदिर धनुताल स्थित काली माता मंदिर हुलकी माता मंदिर बोदरी माता मंदिर नकटी माता मंदिर आदि में दर्शनार्थियों का तांता लगना प्रारम्भ हो गया और यह क्रम देर रात्रि तक चलता रहा बुंदेलखंड में माता के जवारों की झांकियों की यह बिशेष परम्परा है जो धन धान्य के प्रतीक तो हैं ही साथ ही मान्यताओं से भी जोड़कर इसे देखा जाता है।
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