तीन माह के लिए बालू खनन बंद होने से हाइवे में छाया सन्नाटा
अमित गुप्ता
कालपी जालौन
कालपी (जालौन) यमुना तथा बेतवा नदियों के लिए खनन का कार्य बंद हो जाने से जोल्हूपुर-कालपी हाइवे में सन्नाटा छाया रहा वही सड़को में भारी वाहनों की आवाजाही में भी कमी हो गई।
विदित हो कि बेवता नदी के किनारे पथरेहटा, कहटा, परासन तथा चन्दरसी आदि खनन क्षेत्रों में प्रतिदिन ट्रक, डम्फर बालू लादकर बाराबंकी, लखनऊ, सीतापुर, उन्नाव, कानपुर, कन्नौज, इटावा आदि क्षेत्रों में प्रतिदिन बालू भरने के लिए बेतवा नदी के खदानों में जाया करते थे। प्रतिदिन कई सैकड़ा ट्रकों तथा डम्परों की आवाजाही लगी रहती थी। इसी प्रकार यमुना नदी के तरीबुलदा की खदान से इटावा, आगरा, हाथरस आदि क्षेत्रों में ट्रक बालू लोड करने के लिए आते जाते हैं। वही शासन के निर्देश पर हर साल की तरह इस साल भी 1 जुलाई से तीन माह के लिए बालू खनन के लिए खदान पर रोक लगा दी है। इस वजह से भारी वाहनों की आवाजाही में काफी कमी आई हैं। वही खनन कारोबारियों के द्वारा सैकड़ो ट्रक बालू तथा मौरंग का भंडारण जोल्हूपुर कदौरा में करा लिया गया है। विभाग की कागजी प्रक्रियाओं के बाद समझा जाता है कि 15-20 दिन के बाद से डम्प से मौरंग की बिक्री होने लगेगी।
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