कोटेदार की दबंगई पर ग्रामीणों का विरोध,जिलाधिकारी को सौंपा शिकायती पत्र

Oct 3, 2024 - 17:54
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कोटेदार की दबंगई पर ग्रामीणों का विरोध,जिलाधिकारी को सौंपा शिकायती पत्र

अमित गुप्ता 

उरई जालौन 

उरई,जालौन। विकास खंड डकोर के ग्राम हरदोई गूजर के ग्रामीणों ने अपने गांव के कोटेदार के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए जिलाधिकारी जालौन, राजेश कुमार पांडेय को शिकायती पत्र सौंपा है। ग्रामीणों का कहना है कि कोटेदार द्वारा घटतौली की जा रही है और वह अपनी दबंगई का सहारा लेकर ग्रामीणों को मानसिक और आर्थिक रूप से प्रताड़ित कर रहा है। ग्रामीणों ने इस संबंध में कई बार शिकायत की, लेकिन अब तक कोई संतोषजनक कार्रवाई नहीं हुई है। शिकायत संख्या 20016524009387, 20016524008947, 20016524008942, 20016524008916 के तहत जिलाधिकारी को जनसुनवाई पोर्टल और ईमेल (jalaundso@gmail.com, dmjal@nic.in) के माध्यम से सबूत और वीडियो भेजे गए हैं। शिकायतकर्ता बताते हैं कि इन शिकायतों पर कार्रवाई करने के बजाय पूर्ति निरीक्षक द्वारा झूठी और गोलमोल रिपोर्ट लगाकर कोटेदार का बचाव किया जा रहा है, जिससे कोटेदार के हौसले और भी बुलंद हो गए हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि कोटेदार के द्वारा उन्हें विभिन्न तरीकों से धमकाया जा रहा है, और उनके खिलाफ शिकायत करने की वजह से उन्हें लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है। कोटेदार खुलेआम कहता है कि खाद्य रसद विभाग उसके नियंत्रण में है और जिला प्रशासन भी उसी के इशारों पर काम करता है, जिससे ग्रामीणों में भय का माहौल व्याप्त है। 1 अक्टूबर 2024 को, खाद्य एवं रसद विभाग द्वारा उक्त कोटेदार को फिर से राशन सामग्री आवंटित कर दी गई, जिसके बाद कोटेदार के समर्थकों ने ग्रामीणों को धमकी दी कि कोटेदार ही गांव में राशन बांटेंगे और यदि उन्होंने विरोध किया, तो उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। ग्रामीणों का कहना है कि कोटेदार के समर्थकों ने यहां तक धमकी दी कि जब वे राशन लेने आएंगे, तब उन्हें देख लिया जाएगा कि कौन उनकी सहायता करता है। इस धमकी और भय के माहौल ने ग्रामीणों को और भी असहाय बना दिया है। ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि कोटेदार पहले भी भ्रष्टाचार और दबंगई के मामलों में लिप्त रहा है, लेकिन उसने अपनी ऊंची पहुंच और राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल कर उन मामलों को दबा दिया। इस कारण उसके हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि वह खुलेआम अपनी दबंगई का प्रदर्शन करता रहता है। 2 अक्टूबर 2024 को सदर एसडीएम नेहा व्याडबाल ने कोटेदार के खिलाफ जांच की थी, लेकिन ग्रामीणों ने इस जांच पर असंतोष व्यक्त किया। उनका कहना है कि जांच में पारदर्शिता नहीं थी और कोटेदार के खिलाफ सही कार्रवाई नहीं की गई। इस असंतोष के बाद, ग्रामीणों ने 3 अक्टूबर 2024 को जिलाधिकारी राजेश कुमार पांडेय को एक और शिकायती पत्र सौंपा और किसी सक्षम अधिकारी द्वारा निष्पक्ष जांच की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक कोटेदार के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं की जाती और उसे राशन वितरण से हटाया नहीं जाता, तब तक गांव में शांति और सुरक्षा का माहौल नहीं बन सकता। उन्होंने जिला प्रशासन से मांग की है कि कोटेदार की दबंगई और भ्रष्टाचार पर रोक लगाई जाए और उसे राशन सामग्री आवंटित करने से तुरंत रोका जाए।

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