संयुक्त किसान मोर्चा ने क्षेत्रीय सांसद को सौपा ज्ञापन

अमित गुप्ता
उरई जालौन
उरई (जालौन) संयुक्त किसान मोर्चा, जालौन गरौठा सांसद नारायण दास अहिरवार को सौंपा ज्ञापन
एमएसपी की कानूनी गारंटी, किसानों की कर्जमाफी, बिजली के निजीकरण पर रोक और किसानों मजदूरों को 10, 000 प्रति माह पेंशन सहित कई मांगों को संसद में उठाने की मांग की गई।,
संसद के वर्तमान सत्र में जोरदार तरीके से उठाने की मांग की गई। मार्च में एमएसपी की कानूनी गारंटी देना होगा, किसानों के कर्ज माफ़ करो बिजली का निजीकरण बंद करो, कृषि बजट की घोषणा करो,10, 000 रुपए पेंशन दो में अफ़ीम की खेती का लाइसेंस जारी करो, नंदगंज चीनी मिल चालू करो आदि नारे लग रहे थे।
विदित हो कि 8 दिसम्बर 21को, जब किसान दिल्ली बार्डर छोड़ रहे थे तो उस समय मोदी सरकार के कृषि सचिव ने लिखित आश्वासन देकर मांगों को पूरा करने का भरोसा दिलाया था। लेकिन अब सरकार किसानों के साथ विश्वासघात कर रही है।
संयुक्त किसान मोर्चा, उत्तर प्रदेश सचिवालय के सदस्य और अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य कामरेड राजीव कुशवाहा प्रसाद कुशवाहा ने कहा कि 2024 के चुनाव के पहले से ही एसकेएम ने भाजपा सरकार का भंडाफोड़ करने, विरोध करने और सज़ा देने का आह्वान किया था। जिसका परिणाम चुनाव नतीजों में हम देख रहे हैं। सरकार अगर अब भी किसानों के साथ विश्वासघात जारी रखी तो आने वाले समय में और भी गंभीर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना होगा। उन्होंने कहा कि संसद में भी सरकार की किसान सवालों पर चौतरफा घेरेबंदी होगी और बाहर आंदोलन भी तेज होगा। 9 अगस्त को पूरे देश में "कारपोरेट कंपनियों भारत छोड़ो"नारे के साथ संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में किसान सड़क पर उतरेंगे और आगे धारावाहिक आंदोलन जोर पकड़ेगा ।
सांसद को संबोधित 20 सूत्रीय ज्ञापन जिसमें 12 तात्कालिक और 8 नीतिगत मांगें शामिल थीं, जालौन गरौठा के सांसद नारायण दास अहिरवार को सौंपा गया और उनसे उम्मीद की गई कि वे अन्य सांसदों के साथ इन सवालों को संसद के अंदर उठायेंगे।
इस मौके पर संयुक्त किसान मोर्चा अखिल भारती किसान महासभा के प्रमुख रूप से राजीव कुशवाहा, शिवबीर सिंह, मजदूर नेता कामरेड राम सिंह चौधरी, विनोद सिंह, कामरेड हरिशंकर, कामरेड रमेश, जिला उपाध्यक्ष कामरेड संपूर्णननद ज्ञापन देने के बाद सांसद जालौन गरौठा नारायण दास से कामरेड राम सिंह चौधरी ने किसान मुद्दों पर व्यापक चर्चा भी हुई।
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